जुलाई में पेश करेंगे अमृतकाल का आर्थिक रोडमैप, वित्त मंत्री बोलीं- वित्तीय सेक्टर में सुधारों का दौर रहेगा जारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बात का पूरा भरोसा है कि आगामी आम चुनाव में उनकी पार्टी ही विजयी होने वाली है। उनके आत्मविश्वास का स्तर यह था कि उन्होंने यह ऐलान कर दिया कि अगले बजट में उनकी सरकार अमृतकाल यानी वर्ष 2047 तक देश की आर्थिक उन्नति का रोडमैप पेश करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आगे भी आर्थिक सुधारों की गति तेज बनी रहेगी।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बात का पूरा भरोसा है कि आगामी आम चुनाव में उनकी पार्टी ही विजयी होने वाली है। उनके आत्मविश्वास का स्तर यह था कि उन्होंने यह ऐलान कर दिया कि अगले बजट में उनकी सरकार अमृतकाल यानी वर्ष 2047 तक देश की आर्थिक उन्नति का रोडमैप पेश करेगी।
अमृतकाल के लिए रणनीति का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि आगे भी आर्थिक सुधारों की गति तेज बनी रहेगी और समावेशी विकास सरकार की अहम प्राथमिकता रहेगी। विकसित भारत बनाने के लिए विशाल वित्तीय आवश्यकताओं को देखते हुए वित्तीय सेक्टर में सुधार भी सरकार के एजेंडे में उपर रहेगा।
यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन को लेकर घेरा
इस घोषणा के साथ ही वित्त मंत्री ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार को एक बार फिर उसके आर्थिक कुप्रबंधन के लिए घेरा और ऐलान किया कि वर्ष 2014 तक (यूपीए के कार्यकाल) के कुप्रबंधन से सबक सीखने के लिए सरकार सदन पटल पर एक श्वेत पत्र पेश करेगी। यह अलग बात है कि मौजूदा सरकार अपने कार्यकाल के दस साल में आर्थिक विकास दर के मामले में पूर्ववर्ती यूपीए सरकार (2004-14) के प्रदर्शन से पीछे है फिर भी वित्त मंत्री तब की नीतियों को आर्थिक कुप्रबंधन की श्रेणी में रख रही हैं।सरकार ने संकटों से पार पा लिया- वित्त मंत्री
सीतारमण ने कहा कि, "वर्ष 2014 में जब हमारी सरकार ने बागडोर संभाली थी तब चरणवार अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने व शासन-प्रणाली को सही रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी बहुत बड़ी थी। उन संकटों से पार पा लिया गया है और अर्थव्यवस्था तेज विकास दर की राह पर है। लेकिन अब यह देखना सही होगा कि तब हम कहां थे और कुप्रबंधन से क्या सबक सीखा जा सकता है।"
सरकार नीतियां अपनाएंगी जो विकास की रफ्तार को बढ़ाएंगी
इसके पहले वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आगे ऐसी नीतियां अपनाएंगी जो विकास की रफ्तार को बढ़ाएंगी, उत्पादकता बढ़ाएगी, सभी के लिए अवसर बनाएगी। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के सिद्धांत के आधार पर अगली पीढ़ी के सुधारों को हाथ में लेगी और इनको सही तरीके से लागू करने के लिए राज्यों का भी सहयोग लेगी।