Budget 2024: निर्मला सीतारमण के भाषण में कई मंत्रालयों पर चुप्पी, आम बजट में दिखी महंगाई से निजात पाने की झलक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में रक्षा गृह रेलवे स्वास्थ्य जैसे मंत्रालय के लिए कोई घोषणा तो दूर पुरानी उपलब्धियों को गिनाने में भी चुप्पी दिखी। वहीं जलवायु परिवर्तन एवं मौसम की दुश्वारियों के बीच सब्जियों की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को राहत दिलाने की चिंता भी आम बजट में दिखी है। बजट में जलकृषि की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के भाषण में एक बात चौंकाने वाली थी। लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में रक्षा, गृह, रेलवे, स्वास्थ्य जैसे मंत्रालय के लिए कोई घोषणा तो दूर पुरानी उपलब्धियों को गिनाने में भी चुप्पी दिखी। हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि बजट को प्राथमिकताओं पर केंद्रित रखा गया था।
कई मंत्रालयों पर चुप्पी
फरवरी में पेश वोट ऑन एकाउंट में रेल व स्वास्थ्य मंत्रालय को लेकर कुछ घोषणाएं की गई थीं। उस वक्त अधिक चिकित्सा महाविद्यालय खोलने, 9-14 वर्ष की बालिकाओं में सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण जैसी बात कही गई थी। उसी तरह रेल यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 40 हजार डिब्बों को वंदे भारत मानकों के अनुसार बदलने जैसा जिक्र था।
कई मंत्रालयों का बढ़ा बजट
सूत्रों का कहना है कि वह सरकार के वायदे का हिस्सा है। इन मंत्रालयों का बजट भी बढ़ाया गया है। रही बात गृह और रक्षा की तो वहां सरकार अपनी तय दिशा से बढ़ रही है। वोट ऑन आकाउंट के भाषण में भी इन मंत्रालयों को लेकर कोई बात नहीं कही गई थी क्योंकि पहले से तय मार्ग पर चला जा रहा है।
सब्जियों के दाम पर नियंत्रण के लिए बनेंगे क्लस्टर
वहीं, जलवायु परिवर्तन एवं मौसम की दुश्वारियों के बीच सब्जियों की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों को राहत दिलाने की चिंता भी आम बजट में दिखी है। सब्जी उत्पादन एवं आपूर्ति श्रृंखला के बीच सामंजस्य के लिए बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। ये क्लस्टर वैसी जगहों के नजदीक होंगे, जहां बड़ी संख्या में उपभोक्ता रहते हैं। मतलब जहां अधिक खपत होगी उसी के आसपास सब्जियों की खेती का प्रबंध किया जाएगा। सरकार को यह निर्णय हाल के वर्षों में सब्जियों की कीमतों में भारी वृद्धि के चलते लेना पड़ा है।
सहकारी संस्थाओं एवं स्टार्टअप को मिलेगा प्रोत्साहन
देखा गया है कि मौसमी सब्जियों का उत्पादन कम नहीं होता है। फिर भी आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान के चलते देश के एक हिस्से में अचानक कुछ सब्जियों की कमी हो जाती है। इस संकट से निपटने के लिए सरकार ने टमाटर एवं प्याज जैसी जल्द खराब होने वाली सब्जियों के संग्रहण, भंडारण एवं विपणन की व्यवस्था करेगी। इसके लिए किसानों, उत्पादक संगठनों, सहकारी संस्थाओं एवं स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जाएगा।
झींगा पालन को बढ़ावा
बजट में जलकृषि की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। इसके तहत झींगा पालन के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग सेंटर का नेटवर्क बनाया जाएगा और उन्हें वित्तीय सहायता दी जाएगी। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से झींगा पालन और निर्यात के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। इससे रोजगार का भी सृजन होगा।