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सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मिलेगी 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता, राष्ट्रीय लाजिस्टिक्स नीति पर भी कैबिनेट की मुहर

कैबिनेट की बैठक में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के लिए योजना में संशोधनों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में नेशनल लॉजस्टिक पॉलिसी को मंजूरी दी गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 02:02 AM (IST)
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केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) ने बुधवार को कई प्रस्‍तावों को मंजूरी दी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए अब सेमीकंडक्टर से जुड़ी सभी परियोजनाओं पर लागत की 50 प्रतिशत राशि वित्तीय सहायता के रूप में देगी। पहले यह सहायता 30-50 प्रतिशत तक थी। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने इसकी मंजूरी दी। फैसले के मुताबिक, सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए परियोजना लागत की 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

नेशनल लॉजस्टिक पॉलिसी को भी मंजूरी

डिस्प्ले फैब स्थापित करने की परियोजना पर भी लागत की 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता दी जाएगी। फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय लाजिस्टिक्स नीति पर मुहर लगा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लाजिस्टिक्स नीति से विकास को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ेगी।

सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में कई नए प्रस्ताव आएंगे

इलेक्ट्रानिक्स व आइटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि सरकार के इस फैसले से सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में कई नए प्रस्ताव आएंगे। उन्होंने बताया कि 5-7 प्रस्ताव पहले से पाइपलाइन में हैं। हाल ही में वेदांता और ताइवान की कंपनी फाक्सकान ने गुजरात में 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर निर्माण यूनिट लगाने की घोषणा की है।

लक्षित प्रौद्योगिकी में डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स भी शामिल

फैसले के मुताबिक, कंपाउंड सेमीकंडक्टर, सिलिकान फोटोनिक्स, सेंसर फैब और सेमीकंडक्टर एटीएमपी, ओएसएटी सुविधाओं की स्थापना के लिए समान व्यवस्था मान्य होगी। योजना के तहत लक्षित प्रौद्योगिकी में डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स भी शामिल होंगे।

सोलर उपकरणों की पीएलआइ योजना भी मंजूर

कैबिनेट कमेटी ने सौर ऊर्जा से जुड़े उपकरणों का देश में ही निर्माण करने की 19,500 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआइ) योजना को भी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2022-23 में इसकी घोषणा की थी। केंद्रीय बिजली मंत्री आरके ¨सह का कहना है कि सौर ऊर्जा उपकरणों के निर्माण में इस योजना से आत्मनिर्भर होकर भारत हर वर्ष 1.40 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत करेगा।

सौर ऊर्जा को बढ़ावा

2020 में कोरोना महामारी और चीन के साथ रिश्ते खराब होने के बाद देश में सौर ऊर्जा के लिए जरूरी सोलर पीवी सेल्स के निर्माण को बढ़ावा देने पर विचार किया गया था। मई, 2021 में पहली बार 4500 करोड़ रुपये की एक स्कीम को मंजूरी गई थी। उद्योग जगत की तरफ से इसके प्रति उत्साह और देश की जरूरतों को देखते हुए वित्त मंत्री ने इसका विस्तार कर 24 हजार करोड़ रुपये की योजना बनाने की घोषणा की थी।

यह है मकसद

सरकार ने बताया कि इस योजना का एक मुख्य मकसद देश में 65 हजार मेगावाट क्षमता वाले सोलर पीसी माड्यूल्स का निर्माण करना है। यह योजना सौर ऊर्जा के उपकरणों के निर्माण का एक पूरा ढांचा स्थापित करेगी।

इससे सीधे तौर पर 1.95 लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, जबकि 7.80 लाख लोगों को परोक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। इसमें 94 हजार करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष निवेश की संभावना है। बिजली मंत्री के मुताबिक, योजना का मकसद सिर्फ भारत को सोलर पीवी सेल्स के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाना ही नहीं है बल्कि इसकी वैश्विक आपूर्ति सप्लाई का केंद्र भी बनाना है।

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