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कम आय वालों को राहत के लिए सरकार ले आई थी वैकल्पिक कर प्रणाली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कम आय वालों को राहत सुनिश्चित करने के लिए सरकार सात कर स्लैब वाली वैकल्पिक कर प्रणाली लेकर आई थी।। उन्होंने कहा कि पुरानी कर प्रणाली में प्रत्येक करदाता सात से 10 प्रकार की छूट प्राप्त कर सकता है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 06 Jan 2023 10:06 PM (IST)
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि कम आय वालों को राहत सुनिश्चित करने के लिए सरकार सात कर स्लैब वाली वैकल्पिक कर प्रणाली लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि पुरानी कर प्रणाली में प्रत्येक करदाता सात से 10 प्रकार की छूट प्राप्त कर सकता है। इसमें 10, 20 और 30 प्रतिशत का आयकर देना होता है।

आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट गौतम चिकरमने की किताब 'रिफार्म नेशन' के विमोचन समारोह में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुरानी कर प्रणाली के साथ सरकार समानांतर प्रणाली लेकर आई, जिसमें किसी भी प्रकार की छूट नहीं है, लेकिन यह एक साधारण और ज्यादा उपयुक्त कर दर वाली प्रणाली है। उन्होंने कहा कि निम्न आय वाले लोगों के लिए सरल और कम दर वाली सात स्लैब की यह प्रणाली लाई गई है।

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केंद्र सरकार ने 2020-21 के बजट में नई आयकर प्रणाली पेश की थी। इसके तहत व्यक्तिगत और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) कम दर पर कर का लाभ ले सकते हैं। हालांकि, नई आयकर प्रणाली में घर का किराया (एचआरए), होम लोन के ब्याज और सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर मिलने वाली छूट शामिल नहीं हैं। दोनों प्रकार की कर प्रणाली में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर किसी भी प्रकार का कर नहीं है।

वित्त मंत्री ने कहा कि करदाताओं का उत्पीड़न रोकने के लिए आयकर विभाग रिटर्न के फेसलेस आकलन की सुविधा लेकर आया है।

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