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हंगामेदार होगा बजट सत्र! सरकार और विपक्ष ने कसी कमर, सदन में सुनाई देगी इन मुद्दों की गूंज

Budget Session 2024 सोमवार से बजट सत्र की शुरूआत होगी। सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। बजट सत्र के लिए सरकार और विपक्षी दलों ने बनाई अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर ली है। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए आधा दर्जन से अधिक मुद्दों को उठाएगा। उधर संसदीय कार्य मंत्री ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विपक्ष का पूरा जोर सदन में चर्चा करने पर है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sat, 20 Jul 2024 11:00 PM (IST)
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बजट सत्र के हंगामेदार होने के आसार। (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सत्तापक्ष और विपक्ष ने सोमवार से शुरू हो रहे 18वीं लोकसभा के पहले बजट सत्र के लिए अपनी-अपनी सियासी तैयारियों को गति दे दी है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को जहां आम बजट लोकसभा में पेश कर सरकार के वित्तीय एजेंड़े को आगे बढ़ाएंगी। वहीं विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन ने भी सत्र के लिए आधा दर्जन से अधिक प्रमुख मुद्दों को उठाने की रूपरेखा तय कर ली है।

इन मुद्दों को उठाएगा विपक्ष

महंगाई्, मणिपुर हिंसा, नीट पेपर लीक धांधली, जम्मू-कश्मीर के बिगड़ते हालात, बढ़ती रेल दुर्घटनाओं से लेकर संवैधानिक सस्थाओं व संविधान पर हमले जैसे मुद्दे विपक्षी दलों की फेहरिस्त में हैं जिन्हें बजट सत्र के दौरान उठाते हुए इन पर संसद में चर्चा कराने के लिए जोर लगाने की तैयारी है।

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रिजिजू ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में वित्तमंत्री की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा और सत्र के सुचारू संचालन के लिए सरकार के संसदीय रणनीतिकार अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजु ने इस क्रम में रविवार को संसद में सभी दलों के नेताओं की सर्वदलीय बैठक बुलाई है। दोनों सदनों के शीर्ष पीठासीन पदाधिकारियों की ओर से भी पक्ष और विपक्ष के नेताओं के संग बैठकें होने की संभावनाएं हैं।

अहम विधेयक पेश करेगी सरकार

आर्थिक सर्वेक्षण और सबसे महत्वपूर्ण आम बजट पेश करने के अलावा इस सत्र के दौरान राजग सरकार कुछ अहम विधेयकों को भी पेश करेगी। इसमें भारतीय वायुयान विधेयक 2024 से लेकर बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के लिए संशोधन विधेयक भी शामिल हैं। वित्तमंत्री केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का बजट भी संसद में रखेंगी।

आईएनडीआईए ने कहा- जनता के मुद्दों पर चर्चा भी अहम

मोदी सरकार की तीसरी पारी का यह शुरूआती सत्र उसके आगे की सियासी राह की चुनौतियों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। 12 अगस्त तक चलने वाले इस सत्र के दौरान सरकार का जोर जहां अपने विधायी और वित्तीय कामकाज को पूरा कराने पर होगा।

वहीं विपक्षी आईएनडीआईए गठबंधन ने पहले ही साफ कर दिया है कि संसद सत्र का मतलब केवल सरकारी कार्य को पूरा करने की औपचारिकता तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि जनता का प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भी सदन में चर्चा कराना उतना ही अहम है।

सदन में बहस रोकने क कोशिश बर्दाश्त नहीं करेगा विपक्ष: राहुल

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान सदन के भीतर भी इस आशय का संदेश दे दिया था कि मणिपुर हिंसा, नीट पेपर लीक धांधली, जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं से लेकर महंगाई जैसे सवालों पर चर्चा कर इनका समाधान निकालना जरूरी है और इन पर सदन में बहस रोकने की कोशिशें विपक्ष अब बर्दास्त नहीं करेगा।

विपक्ष ने बनाई यह रणनीति

लोकसभा चुनाव के बाद मजबूत विपक्ष के तौर पर आईएनडीआईए की एकजुटता इन मुद्दों पर सरकार को सदन में बहस के लिए बाध्य कर सकती है। विपक्षी दलों ने साझी रणनीति के तहत तय किया है कि संसद में सरकारी कामकाज के अलावा विपक्ष के कम से कम एक मुद्दे पर हर हफ्ते सदन में बहस-चर्चा के लिए कार्यसूची में शामिल किया जाए। 

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