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सेटेलाइट फोन काल को दो साल रखना होगा सुरक्षित, सरकार ने सभी सेवा प्रदाता कंपनियों को जारी किए निर्देश

केंद्र सरकार ने इंटरनेट के जरिये विदेश से की जाने वाली काल सेटेलाइट फोन काल कांफ्रेंस काल और संदेशों को कम से कम दो साल के लिए सुरक्षित रखने को अनिवार्य कर दिया है। जानें सरकार ने क्‍या कहा....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 30 Jan 2022 09:15 PM (IST)
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केंद्र सरकार ने इंटरनेट और सेटेलाइट फोन काल को दो साल के लिए सुरक्षित रखने को अनिवार्य कर दिया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने सामान्य दूरसंचार नेटवर्क के साथ ही इंटरनेट के जरिये विदेश से की जाने वाली काल, सेटेलाइट फोन काल, कांफ्रेंस काल और संदेशों को कम से कम दो साल के लिए सुरक्षित रखने को अनिवार्य कर दिया है। दूरसंचार विभाग ने यह कदम पिछले दिसंबर में एकीकृत लाइसेंस में किए गए संशोधन के बाद उठाया है। उसमें काल डाटा रिकार्ड के अलावा इंटरनेट ब्योरे को दो साल के लिए सुरक्षित रखना अनिवार्य किया गया था।

पहले यह प्रविधान सिर्फ एक साल के लिए ही लागू था। एकीकृत लाइसेंस धारक कंपनियों में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन जियो, बीएसएनएल हैं। ये सभी कंपनियां ग्राहकों को सेटेलाइट फोन सेवाओं को छोड़कर सभी तरह की दूरसंचार सेवाएं प्रदान करती हैं।

पिछले शुक्रवार को विभाग की तरफ से जारी इस परिपत्र के मुताबिक, लाइसेंसधारक कंपनियों को काल डेटा रिकार्ड, आइपी रिकॉर्ड और सभी वाणिज्यिक रिकार्ड कम-से-कम दो साल के लिए सुरक्षित रखने होंगे ताकि सरकार सुरक्षा कारणों से उनकी जांच कर सके। दो साल की अवधि पूरा होने के बाद कंपनियां इस आंकड़े को नष्ट कर सकती हैं, बशर्ते कि किसी खास मामले में कोई निर्देश न दिया गया हो।

एकीकृत लाइसेंस संबंधी प्रावधानों में किए गए बदलाव टाटा कम्युनिकेशंस, सिस्को वेबेक्स, एटीएंडटी ग्लोबल नेटवर्क पर भी लागू होंगे जिन्होंने इन लाइसेंसों को खरीदा है। सरकार की ओर से ऐसे निर्देश ऐसे वक्‍त जारी किए गए हैं जब देश में 5-जी नेटवर्क लाने की तैयारियां चल रही हैं। हाल ही में दूरसंचार कंपनियों ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से नीलामी के जरिये ही स्पेक्ट्रम के आवंटन की मांग की थी।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को विदेश से धमकी भरे फोन आए थे। फोन पहले से रिकार्ड किए हुए थे। इन फोन काल में कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने का जिक्र था। साथ ही इन फोन काल में 26 जनवरी को दिल्ली में कश्मीर का झंडा लगाने की भी बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आन रिकार्ड (एओआर) को कई बार ऐसे फोन काल आ चुके हैं।