Move to Jagran APP

जल्द ही संसद में पारित होगा Waqf संशोधन विधेयक, अमित शाह बोले- अब कोई नहीं कर पाएगा वक्फ की संपत्तियों का गलत इस्तेमाल

पीएम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शाह ने कहा वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन संरक्षण और दुरुपयोग के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में इसे संसद में पारित किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक 18 19 और 20 सितंबर को होगी।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 17 Sep 2024 05:03 PM (IST)
Hero Image
संसद में पारित होगा वक्फ संशोधन विधेयक (फोटो-एएनआई)
एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, संरक्षण और दुरुपयोग को संबोधित करता है आने वाले दिनों में संसद में पारित किया जाएगा। पीएम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, संरक्षण और दुरुपयोग के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले दिनों में इसे संसद में पारित किया जाएगा।'

इससे पहले, लोकसभा सचिवालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक 18, 19 और 20 सितंबर को नई दिल्ली में राजधानी शहर के संसदीय सौध में होगी।

हितधारकों के विचारों या सुझावों पर होगा फैसला

18 सितंबर को बैठक के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर समिति के समक्ष मौखिक साक्ष्य दर्ज करेंगे।

19 सितंबर को, बिल पर समिति कुछ विशेषज्ञों और हितधारकों के विचारों या सुझावों को सुनेगी, जैसे प्रोफेसर फैजान मुस्तफा, कुलपति, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना, पसमांदा मुस्लिम महाज़ और ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड। 

दिल्ली के सुझावों पर सुनवाई करेगी

20 सितंबर को संयुक्त संसदीय समिति वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर ऑल इंडिया सज्जादानशीन काउंसिल, अजमेर, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, दिल्ली और भारत फर्स्ट, दिल्ली के सुझावों पर सुनवाई करेगी।

इस सप्ताह की शुरुआत में मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं और इस्लामिक विद्वानों के एक समूह ने दिल्ली में एक बैठक के दौरान सरकार के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि सरकार की मंशा पर संदेह करना उचित नहीं है।