केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में विधि आयोग को एक करोड़ से अधिक सुझाव मिले हैं। मेघवाल ने बताया कि सरकार देश के हर व्यक्ति हर वर्ग से यूसीसी पर सुझाव मांग रही है। बता दें कि विधि आयोग ने यूसीसी पर जनता से सुझाव जमा करने की समयावधि को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 29 Jul 2023 05:03 PM (IST)
चंडीगढ़, एएनआई। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने शनिवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) के संबंध में विधि आयोग को एक करोड़ से अधिक सुझाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हमें एक करोड़ से अधिक सुझाव मिले हैं। इन सुझावों पर चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा। जो भी कदम उठाए जाएंगे, सभी को सूचित किया जाएगा।
'यूसीसी पर 1 करोड़ से अधिक सुझाव हुए प्राप्त'
साथ ही अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि सरकार देश के हर व्यक्ति, हर वर्ग से
यूसीसी पर सुझाव मांग रही है। बता दें कि भारत के विधि आयोग ने शुक्रवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर जनता से सुझाव जमा करने की समयावधि को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। विधि आयोग ने पहले समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर इच्छुक व्यक्तियों, संस्थानों या संगठनों से 28 जुलाई, 2023 तक अपनी टिप्पणियां देने के लिए प्रतिक्रिया मांगी थी।
इसके अलावा अर्जुन राम मेघवाल ने
मणिपुर जाने वाले विपक्षी दलों के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के बारे में भी बात की और उन्होंने विपक्ष पर मणिपुर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
'मणिपुर मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है सरकार'
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हम संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि हम मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
ई-कोर्ट की व्यवस्था कर रही सरकार- अर्जुन राम मेघवाल
साथ ही केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश की अदालतों में लंबित मामलों पर टिप्पणी की और कहा कि सरकार ई-कोर्ट की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. हम ई-कोर्ट की व्यवस्था भी कर रहे हैं, जिसके लिए सभी लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए कदम उठाए जाएं।
विधि आयोग ने बढ़ाई थी अवधि
इससे पहले, 14 जुलाई को विधि आयोग ने समय अवधि बढ़ा दी थी और कहा था कि समान नागरिक संहिता के विषय पर जनता की ओर से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया और विभिन्न वर्गों से प्राप्त कई अनुरोधों को देखते हुए कानून आयोग ने संबंधित हितधारकों द्वारा विचार और सुझाव प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का विस्तार देने का फैसला किया है। आगे कहा गया कि आयोग सभी हितधारकों के इनपुट को महत्व देता है और इसका उद्देश्य एक समावेशी वातावरण बनाना है जो सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
22वें विधि आयोग ने मांगे थे विचार
विधि आयोग ने कहा था कि हम सभी इच्छुक पार्टियों को अपने मूल्यवान विचारों और विशेषज्ञता का योगदान करने के लिए इस विस्तारित समय सीमा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इससे पहले, भारत के 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में बड़े पैमाने पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से विचार मांगे थे।