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'सेंगोल' क्‍या है और 1947 में क्या हुआ था, पहले ज्ञान प्राप्‍त करना चाह‍िए', हरदीप पुरी का व‍िपक्ष को जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा क‍ि यह कोर्ट का विषय नहीं है।

By AgencyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 26 May 2023 03:52 PM (IST)
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सरकार ने सबूत के तौर पर 25 अगस्त 1947 की टाइम मैगजीन में प्रकाशित रिपोर्ट शेयर की है।

नई द‍िल्‍ली, एएनआई। नए संसद भवन के उद्घाटन और उसमें रखे जाने वाले 'सेंगोल' को लेकर व‍िवाद जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब केंद्रीय मंत्री हरदीप स‍िंह पुरी ने इसपर सवाल उठाने वालों को जवाब द‍िया है।

'...पहले ज्ञान प्राप्‍त करना चाह‍िए' 

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "1947 में अमेरिका की टाइम पत्रिका में एक लेख प्रकाशित हुआ था और जो लोग (नए संसद भवन के उद्घाटन के खिलाफ) विरोध कर रहे हैं, उन्हें इस लेख को पढ़ना चाहिए। 'सेंगोल' क्‍या है और 1947 में क्या हुआ था, इसके बारे में ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।"

कांग्रेस पंडित नेहरू का अपमान कर रही है: हरदीप स‍िंह पुरी

नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम के विपक्षी पार्टियों के बहिष्कार पर इससे पहले हरदीप सिंह पुरी ने कहा था क‍ि कांग्रेस पंडित नेहरू का अपमान कर रही है। पूर्व प्रधानमंत्रियों और खुद कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कई इमारतों का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को आत्मावलोकन करना चाहिए।

शाह ने कांग्रेस पर साधा न‍िशाना    

अम‍ित शाह ने कांग्रेस पार्टी भारतीय परंपराओं और संस्कृति से इतनी नफरत करती है। उन्होंने कहा कि भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में तमिलनाडु के एक पवित्र शैव मठ द्वारा पंडित नेहरू को एक सेंगोल दिया गया था, लेकिन कांग्रेस ने इसे 'छड़ी' के रूप में एक संग्रहालय में भेज दिया।

कांग्रेस ने सेंगोल पर दावे को बताया फर्जी

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को दावा किया कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और जवाहरलाल नेहरू द्वारा सेंगोल को अंग्रेजों द्वारा भारत में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में वर्णित करने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से क‍िया इनकार  

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने नए संसद भवन का उद्धाटन राष्ट्रपति से कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने मामले में दखल देने से इनकार करते हुए कहा क‍ि यह कोर्ट का विषय नहीं है। इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की।