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Artificial Intelligence: मध्यस्थता में मददगार बन सकता है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस : केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू

केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि ज्यादातर लोग तदर्थ मध्यस्थता को तरजीह देते हैं जहां कार्यवाही पूर्व निर्धारित नियमों के तहत नहीं होती। इस कारण कार्यवाही विभिन्न चरणों में अदालती हस्तक्षेप के लिए अतिसंवेदनशील होती है।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 19 Feb 2023 11:23 PM (IST)
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केंद्रीय कानून मंत्री ने संस्थागत मध्यस्थता का किया समर्थन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने तदर्थ मध्यस्थता में खामियों की ओर इशारा करते हुए संस्थागत मध्यस्थता की हिमायत की। कहा कि इस कार्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) मददगार बन सकती है। यह दस्तावेज समीक्षा और विश्लेषण, कानूनी शोध और अवार्ड का मसौदा तैयार करने जैसे कार्यों में मध्यस्थों की मदद कर सकता है।

केंद्रीय कानून मंत्री रिजिजू रविवार को हाई कोर्ट में आयोजित दिल्ली आर्बिटेशन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग तदर्थ मध्यस्थता को तरजीह देते हैं, जहां कार्यवाही पूर्व निर्धारित नियमों के तहत नहीं होती। इस कारण कार्यवाही विभिन्न चरणों में अदालती हस्तक्षेप के लिए अतिसंवेदनशील होती है।

न्यायपालिका का किया जाना चाहिए सहयोग

संस्थागत मध्यस्थता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में आवश्यक है कि नए मध्यस्थता केंद्र गैर-मेट्रो शहरों में स्थापित किए जाएं। विश्व बैंक की ईओडीबी रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को एक विवाद को हल करने में 1,445 दिन लगते हैं और विवाद समाधान के लिए दावा मूल्य का 31 प्रतिशत प्रक्रिया के दौरान खर्च किया जाता है।

किरण रिजिजू ने कहा कि ईज आफ डूइंग बिजनेस और ईज आफ लिविंग के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए न्यायपालिका का सहयोग किया जाना चाहिए। अदालतों को कागज रहित होना चाहिए। नए केंद्रीय बजट में ई-अदालत परियोजना के तीसरे चरण के लिए औसतन हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

कोरोना काल में वर्चुअल सिस्टम पर आ गया था अंतरराष्ट्रीय समुदाय

जस्टिस कौलकार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने कहा कि आभासी अदालत की सुनवाई से दक्षता बढ़ी है और विशाल बुनियादी ढांचा के जरिये इस प्रणाली का उपयोग किया जाना आवश्यक है। कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में थी, तो अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता समुदाय वर्चुअल सिस्टम पर आ गया। हमने भी आभासी सुनवाई की शुरुआत की।

एक विकासशील देश होने के नाते भारत ने बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के मुद्दों का सामना किया, लेकिन इसका कुशलतापूर्वक संचालन का तरीका खोजने में देर नहीं लगी। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स के बारे में उन्होंने कहा कि शीर्ष न्यायालय ने एआइ समिति का गठन किया है, जो विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रही है।

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