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Waqf Act: 'इस सच्चे मुस्लिम की आवाज सुनिए' वक्फ संशोधन विधेयक पर केंद्रीय मंत्री ने की मुफ्ती की तारीफ

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने आठ अगस्त को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया था। मगर यह विधेयक अब संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) के पास है। कमेटी ने देशभर के मुस्लिम संगठनों से विधेयक पर अपनी राय मांगी है। मगर इस बीच विधेयक पर अलग-अलग बयानबाजी भी देखने को मिल रही है। अब उत्तराखंड के मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 16 Sep 2024 02:10 PM (IST)
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मुफ्ती शमून कासमी। ( फोटो- एक्स- @muftishamoon)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर देश में राजनीतिक घमासान मचा है। तमाम मुस्लिम संगठन खुलकर इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं तो वहीं विपक्ष ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया। विदेश में बैठा भगोड़ा जाकिर नाइक मुसलमानों को बरगला रहा है।

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विधेयक के खिलाफ देशभर में क्यूआर कोड अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच मुफ्ती शमून कासमी की राय इस विधेयक पर जुदा है। अब केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री एवं केंद्रीय वक्फ परिषद के अध्यक्ष किरेन रिजिजू ने मुफ्ती शमून कासमी की तारीफ की।

'सच्चे मुस्लिम की आवाज सुनिए'

मुफ्ती शमून कासमी उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन हैं। किरेन रिजिजू ने कहा, "इस सच्चे मुस्लिम की आवाज सुनिए! मुफ्ती शमून कासमी भारत में वक्फ संपत्तियों के बारे में वास्तविक जमीनी स्थिति के आधार पर सच बोल रहे हैं।

आज मुसलमान दयनीय स्थिति में क्यों?

एक चैनल से बातचीत में मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि आज देश में वक्फ संपत्ति पर बहस चल रही है। जिस समुदाय के पास साढ़े नौ लाख संपत्तियां हैं, आज वह 70 साल के अंदर दयनीय स्थिति में हो। यह किसी वजह से है। यह इन दलालों की वजह से है। कांग्रेस ने अपने 60 साल के कार्यकाल में तमाम संपत्तियों को बर्बाद किया। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और पूरा बोर्ड लूट के खाता था।

कांग्रेस के कार्यकाल की जांच हो तो जेल जाएंगे

मुफ्ती ने आगे कहा कि कब्रिस्तानों और ईदगाहों में पौधारोपहण से मुसलमानों की आमदनी भी बढ़ेगी और पर्यावरण भी अच्छा होगा। मुसलमानों की आमदनी से स्कूल और कॉलेज व अस्पताल बनते। क्यों नहीं बनाए, क्योंकि इन्हें वोट बैंक बनाए रखना था और वक्फ संपत्तियों को बर्बाद करना था। अगर 60 साल में कांग्रेस के दौरान के वक्फ बोर्ड और चेयरमैन की जांच हो जाए तो वो जेल में जाएंगे। इनसे रिकवरी होनी चाहिए। यह पैसा गरीब मुसलमानों, यातीमों और लावारिसों का था... इसलिए वापस लेना चाहिए।

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