केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- वे कर्नाटक के लोगों से ले रहे हैं बदला
कांग्रेस सरकार कर्नाटक में अधिक उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की मांग रही है। इस मांग पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि कि कांग्रेस सरकार अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पदों के लिए लड़ाई करके राजनीति कर रही है जिससे काफी भ्रम पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कर्नाटक में कांग्रेस का लगभग सफाया हो चुका है और अब वे लोगों से बदला ले रहे हैं।
एएनआई, हुबली (कर्नाटक)। कर्नाटक में अधिक उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की मांग पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सरकार की आलोचना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पदों के लिए लड़ाई करके राजनीति कर रही है, जिससे काफी भ्रम पैदा हो रहा है।
कांग्रेस कर्नाटक के लोगों से ले रही बदला- जोशी
केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को कहा, कर्नाटक में कांग्रेस का लगभग सफाया हो चुका है और अब वे लोगों से बदला ले रहे हैं। जहां तक औद्योगिकीकरण और विकास का सवाल है, कांग्रेस सरकार अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पदों को लेकर राजनीति कर रही है, जिससे काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
हालांकि, राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि अधिक उपमुख्यमंत्रियों की कोई मांग नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ अपना नाम खबरों में लाना चाहते हैं।
यह बात कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता केएन राजन्ना द्वारा सोमवार को कर्नाटक में अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री की मांग करने और पार्टी हाईकमान से इस अनुरोध पर विचार करने को कहने के बाद सामने आई है।
सीएम सिद्धारमैया पर लगाए आरोप
केएन राजन्ना ने एएनआई से कहा, संसदीय चुनावों के कारण इसमें देरी हुई। मैं चाहता हूं कि पार्टी हाईकमान मेरे अनुरोध पर विचार करे। कई मंत्रियों का मानना है कि कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने वाले कई समुदायों को उपमुख्यमंत्री के रूप में प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। लेकिन मैं इसका इच्छुक नहीं हूं।केंद्रीय मंत्री जोशी ने कथित महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड घोटाले को लेकर भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना की और कहा कि सिद्धारमैया को इस्तीफा दे देना चाहिए।जोशी ने कहा, उनके आपसी झगड़े के कारण कर्नाटक को नुकसान उठाना पड़ रहा है। वे भ्रष्टाचार में भी लिप्त हैं। वाल्मीकि बोर्ड घोटाले में सिद्धारमैया या तो शामिल हैं या फिर वे व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए।