स्वास्थ्य के क्षेत्र में परिवर्तन का मानक बना केंद्र शासित दादरा एवं नगर हवेली, लिखी गई प्रगति की नई कहानी
विकास के मॉडल कहे जाने वाले गुजरात के सूरत से दादरा एवं नगर हवेली की ओर जाती सड़क ज्यों-ज्यों संकरी होती जाती है उसी तरह विकास और युवाओं के लिए वर्षों तक संकरे रहे प्रगति के रास्ते भी नजर आते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 10 Apr 2023 07:28 PM (IST)
दादरा एवं नगर हवेली, जितेंद्र शर्मा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अप्रैल 2023 को दादरा एवं नगर हवेली के सिलवासा में नमो मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे।
आदिवासी समुदाय के बुलंद होते हौसले
यह मात्र एक भवन नहीं, बल्कि खास तौर पर 43 प्रतिशत आबादी वाले दादरा एवं नगर हवेली, दमन और दीव के आदिवासी समुदाय के बुलंद होते हौसले और साकार होते सपनों का भी प्रतीक है, जिसकी नींव पीएम मोदी और इस केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल पटेल ने 2019 में ही रख दी थी। विकास के मॉडल कहे जाने वाले गुजरात के सूरत से दादरा एवं नगर हवेली की ओर जाती सड़क ज्यों-ज्यों संकरी होती जाती है, उसी तरह विकास और युवाओं के लिए वर्षों तक संकरे रहे प्रगति के रास्ते भी नजर आते हैं।
बदलाव के ''माइल स्टोन''
हालांकि, अब यहां बदलाव के मुहाने या ''माइल स्टोन'' भी नजर आने लगे हैं। इमारतें छोड़िए, मिलिए उन उत्साही युवाओं से, जिन्हें सुविधाओं-संसाधनों की पक्की जमीन मिली तो उन्नति का अनंत आसमान छूने के लिए चल पड़े हैं। यहीं दादरा एवं नगर हवेली के निवासी एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र मितेश झा प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर बहुत उत्साहित हैं।अपनी प्रतिभा के लिए पीएम से सराहना पा चुके मितेश ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए जब कदम बढ़ाया तो घर की देहरी छोड़ दूसरे शहरों का रुख करना पड़ा। स्कूली शिक्षा बाहर लेनी पड़ी, फिर डॉक्टर बनने का सपना संजोया जो कि अब पूरा हो रहा है। वह मानते हैं कि वह अपने से पहले की पीढ़ी के प्रतिभाशाली युवाओं की तरह बदकिस्मत नहीं हैं, जिनके लिए एमबीबीएस की सीमित सीटें थीं। उनके क्षेत्र में कोई मेडिकल कॉलेज आजादी के बाद से अब तक नहीं था। इस केंद्र शासित राज्य के लिए देश भर के मेडिकल कॉलेजों में कुल 12 सीटें ही आवंटित होती थीं।
तेजी से बदल रही हैं स्थितियां
बहरहाल, 2019 में यहां पीएम मोदी ने किराए की इमारत में ही मेडिकल कॉलेज शुरू कराते हुए संस्थान के भवन का शिलान्यास भी कर दिया। लिहाजा, स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। मेडिकल कालेज के डीन डा. आरसी गोयल बताते हैं कि 2019 में 150 सीट, 2020 में 177 सीटें हुईं और अब 200 सीट करने का लक्ष्य है। वर्तमान की 177 सीटों में दादरा एवं नगर हवेली के छात्रों के लिए 58 तो दमन एवं दीव के छात्रों के लिए 57 सीटें आरक्षित हैं।सकारात्मक और उत्साहजनक परिवर्तन
दोनों जिलों के लिए कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) में भी क्रमश: 15 और 12 सीटें आरक्षित रखी गई हैं। इस सकारात्मक और उत्साहजनक परिवर्तन को हम महक भसरा की जुबान से भी समझ सकते हैं। एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा महक आदिवासी समुदाय से हैं। यहीं, पास ही उनका गांव है। कहती हैं कि उनकी गांव, पंचायत, परिवार या रिश्तेदारों में कोई डॉक्टर नहीं बन सका। उनका सौभाग्य है कि दादरा एवं नगर हवेली में मेडिकल कॉलेज बन गया, जिससे उनके जैसे गरीब परिवार के बच्चे गांव में रहते हुए भी अपने सपने साकार कर पा रहे हैं।
मजबूत होता स्वास्थ्य ढांचा26.98 करोड़ रुपये लागत से मेडिकल कालेज भवन- 8.45 करोड़ रुपये लागत से पैरा मेडिकल कालेज भवन- प्रस्तावित नर्सिंग कालेज की अनुमानित लागत 59.40 करोड़ रुपये- अतिरिक्त अकादमिक ब्लाक और हास्टल की अनुमानित लागत 60.86 करोड़ रुपये