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आतंकवाद की नई चुनौतियों से निपटने के लिए UNSC की दो दिनों तक मुंबई और नई दिल्ली में चलेगी बैठक

भारत में पहली बार यूएनएससी की इस तरह की विशेष बैठक हो रही है जिसमें नई तकनीकी-इंटरनेट मीडिया तकनीक आधारित भुगतान व्यवस्था ड्रोन व दूसरे उपकरणों का आतंकी संगठनों की तरफ से किए जाने वाले इस्तेमाल को लेकर एक वैश्विक रणनीति बनाने पर विमर्श होगा।

By Jagran NewsEdited By: Arun kumar SinghPublished: Wed, 26 Oct 2022 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 27 Oct 2022 12:14 AM (IST)
पहले दिन की बैठक 28 अक्टूबर को मुंबई के ताजमहल होटल में होगी

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में बतौर अस्थाई सदस्य भारत का कार्यकाल अब सिर्फ 66 दिन शेष बचा है लेकिन भारत इस समय का पूरा इस्तेमाल करने की तैयारी में है। इस क्रम में 28 व 29 अक्टूबर को भारत में आयोजित यूएनएससी की आतंकवाद के खिलाफ गठित समिति की विशेष बैठक का बहुत ही महत्व होगा। बैठक में यूएनएससी के सभी पांच स्थाई सदस्यों के अलावा 15 अस्थाई सदस्यों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

भारत आएंगे ब्रिटेन के विदेश मंत्री, जयशंकर से होगी चर्चा

भारत में पहली बार यूएनएससी की इस तरह की विशेष बैठक हो रही है, जिसमें नई तकनीकी-इंटरनेट मीडिया, तकनीक आधारित भुगतान व्यवस्था, ड्रोन व दूसरे उपकरणों का आतंकी संगठनों की तरफ से किए जाने वाले इस्तेमाल को लेकर एक वैश्विक रणनीति बनाने पर विमर्श होगा। बैठक में ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली भी हिस्सा लेंगे। ऋषि सुनक के ब्रिटेन के पीएम बनने के बाद उनकी सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री की यह पहली विदेश यात्रा होगी। भारत में इसे ब्रिटेन की तरफ से द्विपक्षीय रिश्तों की गाड़ी को तेजी से पटरी पर लाने के तौर पर देखा जा रहा है।

मुंबई के ताजमहल होटल में होगी पहले दिन की बैठक

यूएनएससी के तहत आतंकवाद के खिलाफ गठित समिति (सीटीसी) की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बताया कि समिति की बैठक में स्थाई पांचों देशों के प्रतिनिधियों के अलावा 15 अस्थाई सदस्यों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। पहले दिन की बैठक 28 अक्टूबर को मुंबई के ताजमहल होटल में होगी, जिसे आतंकियों ने वर्ष 2008 में निशाना बनाया था। इसके बाद 29 अक्टूबर, 2022 को नई दिल्ली में विशेष बैठक होगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर दोनों दिन बैठकों में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे। गैबोन, घाना, यूएई, अल्बानिया और ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व वहां के विदेश मंत्री या विदेश राज्य मंत्री करेंगे।

मुंबई आतंकी हमले के कुछ पीड़ि‍तों को भी बोलने का मौका मिलेगा

मुंबई में होने वाली बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर और यूएनएससी के मौजूदा अध्यक्ष गैबोन के विदेश मंत्री विशेष बयान देंगे। बैठक में मुंबई आतंकी हमले के कुछ पीड़ि‍तों को भी बोलने का मौका मिलेगा। बैठक के अंत में एक विशेष प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा और आगे का रोडमैप बताया जाएगा। भारत के लिए यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दिसंबर, 2022 में भारत एक महीने के लिए यूएनएससी की अध्यक्षता करेगा और उसी महीने 'आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक ढांचा: सिद्धांत व आगे का रास्ता' विषय पर खुली चर्चा होनी है।

नई तकनीक का आतंक संगठनों के हाथों में पड़ने का खतरा

भारत की तरफ से लगातार कोशिश हो रही है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर वैश्विक सहमति कमजोर नहीं पड़े। यूएन में भारत की प्रतिनिधि और यूएनसीटीसी की अध्यक्षा रूचिरा काम्बोज ने बताया कि नई तकनीक का आतंक संगठनों के हाथों में पड़ने का खतरा काफी गंभीर है जिसको लेकर अभी से एक वैश्विक रणनीति बनानी होगी। मसलन, अब दुनिया में तमाम भुगतान तकनीक हैं जिससे आप कहीं से भी किसी संगठन को पैसा दे सकते हैं। इस माध्यम का इस्तेमाल आतंकी नहीं करें, इसके लिए सभी देशों को एक साथ आगे आना होगा। आगामी बैठक में चर्चा का केंद्र इसी पर रहेगा।

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