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पृथ्वी के वायुमंडल पर लौटा ISRO के PSLV-37 रॉकेट का ऊपरी हिस्सा, रिकॉर्ड 104 सैटेलाइट किए गए थे लांच

पीएसएलवी-37 रॉकेट का ऊपरी हिस्सा यानी पीएस4 पूर्वानुमान के अनुरूप पृथ्वी के वायुमंडल में लौट गया है। इस रॉकेट से वर्ष 2017 में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को लांच किया गया था। सितंबर 2024 से नियमित रूप से कक्षीय ऊंचाई कम होने की निगरानी की गई। पीएस4 छह अक्टूबर को वायुमंडल में लौटा। इसरो वर्ष 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रयास जारी रखेगा।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 09 Oct 2024 02:00 AM (IST)
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रॉकेट से वर्ष 2017 में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को लांच किया गया था। (File Image)

पीटीआई, बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा कि पीएसएलवी-37 रॉकेट का ऊपरी हिस्सा यानी पीएस4 पूर्वानुमान के अनुरूप पृथ्वी के वायुमंडल में लौट गया है। इस रॉकेट से वर्ष 2017 में रिकॉर्ड 104 उपग्रहों को लांच किया गया था।

पीएसएलवी-सी37 को 15 फरवरी, 2017 को कार्टोसैट-2डी और 103 अन्य उपग्रह के साथ प्रक्षेपित किया गया था। उपग्रहों को उनकी कक्षा में पहुंचाने के बाद रॉकेट का ऊपरी हिस्सा (पीएस4) लगभग 470 3 494 किलोमीटर आकार की कक्षा में रहा। इसकी नियमित रूप से निगरानी की गई और इसकी ऊंचाई धीरे-धीरे कम हुई।

लगातार की गई निगरानी

सितंबर 2024 से नियमित रूप से कक्षीय ऊंचाई कम होने की निगरानी की गई। पीएस4 छह अक्टूबर को वायुमंडल में लौटा। प्रक्षेपण के आठ वर्षों के भीतर रॉकेट के हिस्से के वायुमंडल में पुन: प्रवेश, अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।

निर्देशों के अनुसार मिशन के बाद पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में निष्क्रिरय वस्तु को 25 वर्षों तक ही रहना चाहिए। इसरो वर्ष 2030 तक मलबा मुक्त अंतरिक्ष मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रयास जारी रखेगा।