अगले पांच साल शहरी नियोजन पर सबसे अधिक ध्यान देगी सरकार, कचरा प्रबंधन सहित कई योजनाओं के लिए बनाएगी फ्रेमवर्क
आम बजट में तीस लाख से अधिक आबादी वाले 14 शहरों को उनके मौजूदा ढांचे में ही फिर से विकसित करने और 100 बड़े शहरों में पानी की बेहतर आपूर्ति सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस कचरा प्रबंधन की योजनाएं संचालित करने की बात कही गई है। सौ शहरों में होने वाले काम के लिए केंद्र सरकार और विश्व बैंक सरीखी संस्थाएं धन उपलब्ध कराएंगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम बजट में शहरी विकास की जिन दो बड़ी घोषणाओं पर लोगों का ध्यान गया है, उनमें तीस लाख से अधिक आबादी वाले 14 शहरों को उनके मौजूदा ढांचे में ही फिर से विकसित करना और 100 बड़े शहरों में पानी की बेहतर आपूर्ति, सीवेज ट्रीटमेंट और ठोस कचरा प्रबंधन की योजनाएं संचालित करना है। दोनों योजनाओं के लिए शहरों की घोषणा अगले माह तक हो जाने की उम्मीद है।
शहरी नीति का फ्रेमवर्क बनाएगी केंद्र सरकार
सौ शहरों में होने वाले काम के लिए केंद्र सरकार और विश्व बैंक सरीखी संस्थाएं धन उपलब्ध कराएंगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार शहरी नीति का एक फ्रेमवर्क भी बनाने जा रही है, जो शहरों के विकास का एक प्रारूप उपलब्ध कराएगा। राज्यों से यह अपेक्षा की गई है कि वे नियोजित विकास पर ध्यान दें और अपने शहरों की व्यवस्थाओं पर नए सिरे से गौर करें। राज्यों के लिए यह काम आसान नहीं है, क्योंकि उनके पास अपने शहरों का मास्टर प्लान है ही नहीं।
कई राज्यों के पास नहीं है मास्टर प्लान
एक प्रमुख थिंक टैंक की पिछले साल के अंत में जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, दो तिहाई राज्यों की राजधानियों तक में सक्रिय मास्टर प्लान ही नहीं है। 35 में से 26 राज्यों की राजधानी में अलग-अलग हिस्सों के लिए कोई योजना नहीं है, जिसे सफाई, कूड़ा प्रबंधन, सीवेज, पानी की आपूर्ति, यातायात आदि के लिए सबसे अधिक अहम माना जाता है।शहरी कार्य मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक, हमें राज्यों की इस समस्या की जानकारी है। इसलिए पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर शहरी विकास नीति का एक फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। शहरी परिवहन के लिए इस तरह की नीति बीस साल पहले बनाई गई थी। शहरीकरण की जैसी चुनौतियां हैं, उनमें राज्य ऐसे स्वायत्त विकास के साथ आगे नहीं बढ़ सकते जो बेतरतीब हो।
अगले पांच साल में कहां होगा सरकार का सबसे अधिक फोकस?
अधिकारी के अनुसार, नई योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्यों के लिए कुछ सुधार जरूरी किए जाएंगे। शहरों को उनके मौजूदा ढांचों में ही सुधारना है तो समस्याएं दूर करने की कोशिश होनी चाहिए। अगले पांच साल में सरकार का फोकस कचरा और जल प्रबंधन पर ही रहने वाला है। बजट में इसे स्पष्ट भी किया गया है।24 घंटे पानी की आपूर्ति के एजेंडे पर काम कर रही सरकार
वैसे तो सरकार 2047 तक सभी शहरों में 24 घंटे पानी की आपूर्ति के एजेंडे पर काम कर रही है और इसके लिए एक मैनुअल भी तैयार किया गया है, लेकिन मौजूदा कार्यकाल में फोकस सभी शहरों में एक निश्चित अवधि तक भरोसेमंद पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना है।