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Urination Incident: पायलट पर DGCA की कार्रवाई का IPG करेगी विरोध, लेगी कानूनी मदद

26 नवंबर को एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए पेशाब कांड पर डीजीसीए ने पायलट के लाइसेंस को अगले तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। वहीं आईपीजी का कहना है कि पायलट की गलती नहीं है इसके लिए कानूनी मदद ली जाएगी।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 22 Jan 2023 08:40 AM (IST)
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पायलट को निलंबित करने के फैसले पर आईपीजी लेगी कानूनी मदद।
मुम्बई, पीटीआई। एयर इंडिया के पायलटों का निकाय आईपीजी ने डीजीसीए द्वारा पायलट-इन-कमांड के निलंबन के मुद्दे पर कानूनी मदद और अन्य विकल्पों के बारे में सोच रहा है। दरअसल, यह मामला 26 नवंबर को हुए एयरलाइंस पेशाब कांड से जुड़ा हुआ है। एयरलाइन के बड़े विमान उड़ाने वाले पायलट का प्रतिनिधित्व करने वाले आईपीजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वो संबंधित पायलट के निलंबन के मुद्दे को मजबूती से उठाएंगे।

लगाया गया जुर्माना

दरअसल, यह पेशाब कांड 26 नवंबर को न्यूयॉर्क-दिल्ली की फ्लाइट में हुआ था और 4 जनवरी को यह नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के संज्ञान में आया। इसके बाद इस तरह की हरकत के लिए DGCA ने शुक्रवार को एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का, एयरलाइन के इन-फ्लाइट सेवाओं के निदेशक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया है। इसके साथ ही इस फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड के लाइसेंस को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया।

"पायलट ने समझदारी से लिया एक्शन"

आईपीजी के एक सदस्य ने कहा, ''हम पायलट के लाइसेंस निलंबन के लिए कानूनी कार्रवाई सहित सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर अपने वकीलों से बात कर रहे हैं और जल्द ही फैसला करेंगे।" साथ ही सदस्य ने दावा किया है कि संबंधित पायलट ने बहुत ही समझदारी से काम लिया है। उन्होंने कहा, "इस घटना के तुरंत बाद ही कंपनी को सूचित कर दिया गया था, इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि गलत हैं तो हमें सोचना चाहिए कि आप किस बारे में बात कर रहे हैं और आप उसे क्यों दोषी समझ रहे हैं।" साथ ही सदस्य ने यह भी बताया है कि इस मामले में एक बलि का बकरा ढूंढ़ने के लिए काफी दबाव बनाया जा रहा है।

हालांकि, एयर इंडिया की ओर से इस पर कोई तत्काल टिप्पणी नहीं की गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एयर इंडिया के वरिष्ठ प्रबंधन को 26 नवंबर को फ्लाइट के लैंड होने के कुछ घंटे बाद पेशाब करने की घटना के बारे में सूचित किया गया था।

सभी सदस्यों से मांगा था लिखित जवाब

वॉचडॉग ने एयर इंडिया के प्रबंधक, इन-फ्लाइट सेवाओं के निदेशक, उस उड़ान के सभी पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों को 'कारण बताओ' नोटिस जारी किया था कि आखिर उन सभी पर इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों न की जाए। इसके बाद डीजीसीए की ओर से एयर इंडिया और सभी के लिखित जवाबों की जांच की गई जिसके बाद प्रवर्तन कार्रवाई पर निर्णय लिया गया।

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