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    चीनी महिला के चक्कर में नौकरी से हाथ धो बैठे अमेरिकी राजदूत, US सरकार बोली- बर्दाश्त नहीं कर सकते

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 03:58 PM (IST)

    अमेरिकी राजदूत को चीनी महिला के साथ संबंध के चलते नौकरी गंवानी पड़ी। अमेरिकी सरकार ने इस व्यवहार को अस्वीकार्य बताया है। राजदूत पर संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि राजनयिकों से उच्च आचरण की अपेक्षा है और उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच जारी है।

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    महिला पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध होने का आरोप है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एक राजनयिक को बर्खास्त कर दिया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसने एक चीनी महिला के साथ रोमांटिक संबंध स्वीकार किया था।

    इस महिला पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध होने का आरोप है। यह कार्रवाई बाइडेन प्रशासन की ओर से पिछले साल लागू किए गए नियम के तहत की गई है। यह चीन में अमेरिकी सरकारी कर्मियों और उनके परिवारों पर चीनी नागरिकों के साथ रोमांटिक या यौन संबंधों पर प्रतिबंध लगाता है।

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    संबंधों को छिपाने की बात कबूली

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगोट ने बताया कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मामले की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया। राजनयिक ने स्वीकार किया कि उसने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंधित एक चीनी नागरिक के साथ अपने संबंधों को छिपाया था।

    पिगोट ने कहा, "विदेश मंत्री रुबियो के नेतृत्व में, हम उन कर्मचारियों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएंगे, जो हमारे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।" इस मामले ने अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव को और उजागर किया है, खासकर तब जब दोनों देश पहले से ही कई मुद्दों पर आमने-सामने हैं।

    हालांकि राजनयिक का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन कंजर्वेटिव कार्यकर्ता जेम्स ओ'कीफ द्वारा ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक गुप्त वीडियो में राजनयिक और उनकी प्रेमिका को दिखाया गया था। इस वीडियो ने मामले को और चर्चा में ला दिया।

    चीन की क्या है प्रतिक्रिया?

    बीजिंग में, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने इसे अमेरिका का आंतरिक मामला बताते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा, "हम वैचारिक मतभेदों के आधार पर रेखा खींचने और चीन के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण बदनामी का विरोध करते हैं।"

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