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Nancy Pelosi Taiwan Visit: नैंसी के ताइवान दौरे का अमेरिका ने चल दिया दांव, चीन देगा जवाब या बयानों तक सिमट जाएगी उसकी धमकी, जानें क्‍या होगा आगे

नैंसी आखिरकार ताइवान का दौरा कर रही हैं। चीन की धमक‍ियों को दरकिनार कर ये दौरा अमेरिका और ताइवान दोनों के लिए ही बेहद खास है। अमेरिका ने इसके साथ ही सीधेतौर पर चीन को धमकाते हुए उसके पाले में गेंद फेंक दी है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 08:07 AM (IST)
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नैंसी के ताइवान दौरे पर अमेरिका ने चीन के पाले में फेंकी गेंद

नई दिल्‍ली (कमल कान्‍त वर्मा)। Nancy Pelosi Taiwan Visit नैंसी पेलोसी के एशिया दौरे (Nancy Pelosi Asia Tour) को लेकर लगाई जा रही अटकलों को आखिरकार अमेरिका ने विराम दे दिया है। अमेरिका ने नैंसी के ताइवान दौरे का ऐलान कर दिया है। चीन की सभी धमकियों को दरकिनार कर नैंसी पेलोसी मंगलवार को ताइवान जा रही हैं। उनके ही सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम भी कर दिए गए हैं। इस ऐलान के साथ व्‍हाइट हाउस ने ये भी साफ कर दिया है कि चीन इस दौरे पर कोई भी गलती न करे तो उसके लिए अच्‍छा होगा।

व्‍हाइट प्रवक्‍ता ने कहा है कि नैंसी को पूरा हक है कि वो एक आजाद राष्‍ट्र ताइवान की यात्रा करें। ऐसे में चीन का कोई भी गलत कदम उसको मुश्किल में डाल सकता है। वहीं चीन ने अपने सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर नैंसी और अमेरिका को धमकाने के लिए एक वीडियो पोस्‍ट किया है। इस वीडियो में चीन के युद्धपोत जिनमें गाइडेड मिसाइन डिस्‍ट्रोयर दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में एक संदेश भी दिया गया है। इसमें लिखा है कि चीन किसी भी घुसपैठिये की दफ्न करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कुछ मिनट के इस वीडियो को अब तक 42 लाख से अधिक लोग देख भी चुके हैं। इसके साथ ही चीन ने अपनी धमकी को एक बार फिर दोहराया है कि अमेरिका नैंसी का दौरा रद कर दे, नहीं तो ये अच्‍छा नहीं होगा। चीन के सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म Sina Weibo पर ये काफी हिट साबित हो रहा है। आपको बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच नैंसी के ताइवान दौरे को लेकर तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। ये ऐसे समय में हो रहा है जब चीन अपने ईस्‍टर्न थियेटर कमान के 95 वर्ष पूरे होने पर वर्षगांठ मना रहा है।

अमेरिका ने नैंसी के ताइवान दौरे का ऐलान कर अब गेंद चीन के पाले में फेंक दी है। आपको बता दें कि जब नैंसी के एशिया दौरे का ऐलान किया गया था उस वक्‍त ताइवान का जिक्र नहीं किया गया था। तभी ये माना जा रहा था कि अमेरिका चीन की धमकी से चुप बैठने वाला नहीं है। तभी इस बात की संभावना जताई जा रही थी कि नैंसी मलेशिया से पहले या उसके बाद अचानक ही ताइवान पहुंचेंगी। अब वही हो भी रहा है।

ताइवान में नैंसी के जाने से चीन की बैचैनी का बढ़ना लाजिमी है। लेकिन एक हकीकत ये भी है कि जिस तरह की धमकी वो दे रहा था, इस दौरे पर वैसा कुछ नहीं होगा। ये धमकी केवल बयानों तक ही सीमित रहेगी। इसकी एक बड़ी वजह है। दरअसल, चीन नहीं चाहेगा कि इस वक्‍त कोई भी गलत कदम उठाकर वो इस फ्रंट पर अपने लिए मुसीबत मोल ले ले। इससे एक तो ताइवान को लेकर भविष्‍य में होने वाली जंग का मोर्चा अब से ही खुल जाएगा और ये युद्ध जल्‍द ही अपने मुकाम पर भी पहुंच जाएगा। इसलिए शब्‍दों में ही सही वो ताइवान पर हमले कर उसको हासिल करने का दबाव और तनाव बरकरार रखना चाहेगा।

वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने नैंसी के ताइवान दौरे को केवल एक मुलाकात भर तक सीमित नहीं रखा है बल्कि इसके कई बड़े मायने हैं। इसका सबसे बड़ा अर्थ तो यही है कि ताइवान को लेकर चीन को ये सीधा संदेश पहुंच जाए कि वो उसके साथ हर तरह से है। अमेरिका ये भी दिखाना चाहता है कि यदि चीन ने ताइवान पर कोई हमला किया तो इसे उस पर हमला मानते हुए इसका जवाब दिया जाएगा।

अमेरिका नैंसी के इस दौरे पर ठीक वैसे ही आगे बढ़ रहा है जैसा कि उसने पूर्व में कहा था। इस क्षेत्र में उसके एयरक्राफ्ट केरियर और सभी जंगी पोत पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं। अमेरिका 24 घंटे अपनी सेटेलाइट से चीन की नौसेना और वायु सेना की मूवमेंट को वाच भी कर रहा है। नैंसी के ताइवान दौरे पर चीन की तरफ से हर रोज उसके हवाई क्षेत्र का अतिक्रमण करने की भी घटना आज नहीं होगी। इस तरह की कोई भी घटना चीन और इस पूरे क्षेत्र को मुश्किल में डाल देगी। यहां पर अमेरिका ने जो दांव खेला है उसमें चीन का चारों खाने चित होना तय है।