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पन्नू मामले में अमेरिका ने भारत को भेजा समन तो भड़का विदेश मंत्रालय, कहा- आरोप निराधार

खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका द्वारा भारत सरकार को समन भेजा गया। इसपर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को सख्त आपत्ति जताई और दायर मुकदमे को अनुचित और निराधार आरोप बताते हुए खारिज कर दिया। गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत द्वारा एक घोषित आतंकवादी है। इस मामले में अभी उच्च स्तरीय जांच चल रही है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 19 Sep 2024 06:42 PM (IST)
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खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (File Photo)

एएनआई, नई दिल्ली। खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या मामले में अमेरिकी अदालत द्वारा भारत सरकार को समन भेजा गया है। इस समन को लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे पूरी तरह से गलत बताया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री से जब न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय द्वारा भेजे गए समन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इन आरोपों को खारिज करते कहा कि यह पूरी तरह से अनुचित और निराधार है।

पन्नू भारत द्वारा घोषित आतंकवादी

विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि पन्नू भारत द्वारा घोषित आतंकवादी है, जिसके पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है। इसका इतिहास हमेशा विवादित रहा है। जिस संगठन का यह व्यक्ति प्रतिनिधित्व करता है, वह एक गैरकानूनी संगठन है।

राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त था पन्नू

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत इसे बैन किया था। पन्नू भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्त था।

पन्नू के पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता

अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता रखने वाला पन्नू भारत द्वारा घोषित आतंकवादी है। इससे पहले नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग ने सिख अलगाववादी आंदोलन के एक अमेरिकी नेता और न्यूयॉर्क में एक नागरिक की हत्या की नाकाम साजिश में कथित संलिप्तता के लिए एक भारतीय नागरिक के खिलाफ अभियोग खोला था।

उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अब जबकि मामला दर्ज हो चुका है, लेकिन इस बारे में भारत के विचार नहीं बदलेंगे। भारत ने पिछले साल नवंबर में अमेरिकी सरकार द्वारा उजागर की गई सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर भी असर डालते हैं और संबंधित विभाग पहले से ही इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं।

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