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India-America Relation: अमेरिकी सांसदों की भारत यात्रा से चीन क्यों परेशान है? सालों पुराने मुद्दे पर चल रही चर्चा

अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को भारत के उत्तरी शहर धर्मशाला का दौरा किया और वहा दलाई लामा से मुलाकात की। बता दें कि अमेरिका ने लंबे समय से तिब्बती लोगों के अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने के अधिकारों का समर्थन किया है। वहीं भारत की सीमा से लगे सुदूर हिमालयी क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप चीन पर लगाया है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 19 Jun 2024 07:06 PM (IST)
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भारत और अमेरिका रिश्ते गहरे होने से चीन परेशान है। (Image: Reuters)
रॉयटर्स, नई दिल्ली। US Lawmakers Meet Dalai Lama: अमेरिकी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से जब मिला तो भारत के पड़ोसी देश चीन को जबरदस्त झटका लगा।

दरअसल, अमेरिकी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारत के उत्तरी शहर धर्मशाला का दौरा किया और वहा दलाई लामा से मुलाकात की। हालांकि, इस मुलाकात से बीजिंग नाराज हो गया है। अमेरिकी सांसदों के भारत दौरे से एक दिन पहले मंगलवार को बीजिंग ने आग्रह किया था कि वह 'दलाई गुट की चीन विरोधी और अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह से पहचानें' और 'उसके साथ किसी भी प्रकार के संपर्क से बचें।'

दलाई लामा से मुलाकात और अब चीन नाराज

अमेरिकी सांसदों का सात सदस्यीय समूह नोबेल शांति पुरस्कार विजेता दलाई लामा से मिलने के लिए भारत पहुंचा। बता दें कि अमेरिका ने लंबे समय से तिब्बती लोगों के अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने के अधिकारों का समर्थन किया है। वहीं, भारत की सीमा से लगे सुदूर हिमालयी क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप चीन पर लगाया है।

द्विदलीय विधेयक पारित, इस यात्रा का अहम उद्देश्य क्या?

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने इस महीने द्विदलीय विधेयक पारित किया है जिसका उद्देश्य तिब्बती नेताओं के साथ वार्ता करने के लिए बीजिंग पर दबाव डालना है। बता दें कि ये वार्ता 2010 से रुकी हुई है। तिब्बत पर बातचीत के ज़रिए एक समझौता और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और भाषाई पहचान पर तिब्बती आकांक्षाओं से निपटने के लिए चीन को प्रेरित करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है। 

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में 'तिब्बत-चीन विवाद के समाधान को बढ़ावा देने' या तिब्बत समाधान अधिनियम नामक अधिनियम के दो लेखक और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी शामिल हैं। प्रतिनिधिमंडल ने तिब्बत की निर्वासित सरकार के अधिकारियों से भी मुलाकात की, जो भारत से काम करती है। 

कौन हैं दलाई लामा?

1950 में बीजिंग ने तिब्बत पर आक्रमण किया और दलाई लामा 1959 में उसके शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद भारत भाग गए, तब से वे हिमालय के शहर धर्मशाला में निर्वासन में रह रहे हैं। उन्हें 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

यह दौरा विवादास्पद क्यों है?

अमेरिकी प्रतिनिधियों का दलाई लामा से मिलना चीन को बेहद नाराज कर रहा है। यह मुलाकात ऐसे समय पर की जा रही है जब चीन और अमेरिका संबंधों को सुधारने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, भारत के चीन के साथ संबंध भी तनावपूर्ण हैं क्योंकि 2020 में उनके हिमालयी सीमा पर सैन्य गतिरोध में 24 सैनिक मारे गए थे।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और बिल के एक लेखक माइकल मैककॉल ने शुक्रवार को वाशिंगटन से रवाना होने से पहले कहा, 'इस यात्रा से अमेरिकी कांग्रेस में तिब्बत के अपने भविष्य के बारे में अपनी बात रखने के लिए द्विदलीय समर्थन को उजागर करना चाहिए।'

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