पहली बार अमेरिका का जंगी जहाज मरम्मत के लिए आया भारत, रक्षा संबंधों में जुड़ेगा नया आयाम
Charles Drew arrives in India पहली बार अमेरिकी नौसेना का एक जहाज मरम्मत के लिए भारत पहुंचा है। जहाज चार्ल्स ड्रिव कट्टुपल्ली के एलएंडटी शिपयार्ड पहुंचा जहां 11 दिनों तक उसकी मरम्मत का कार्य चलेगा। पढ़ें यह रिपोर्ट...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 07 Aug 2022 11:14 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ मेक इन इंडिया की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए भारत अब अमेरिकी नौसेना के जंगी जहाज चार्ल्स ड्रिव की मरम्मत समेत अन्य सर्विस करेगा। अमेरिकी नौसेना का यह जहाज मरम्मत के लिए रविवार को चेन्नई के कट्टुपल्ली में एलएंडटी के शिपयार्ड में पहुंचा। यह दोनों देशों के रक्षा संबंधों में नया आयाम जोड़ेगा।
अमेरिकी नौसेनिक जहाज के मरम्मत के लिए भारत आने की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रक्षा सचिव डा. अजय कुमार, नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, तमिलनाडु व पुडुचेरी नौसेना क्षेत्र के फ्लैग आफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल एस वेंकटरमन और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी चार्ल्स ड्रिव का स्वागत करने के लिए एलएंडटी शिपयार्ड में मौजूद थे।
इस मौके पर अमेरिका के चेन्नई स्थिति महावाणिज्य दूत जुडिथ रेविन और रक्षा अटैची रियर एडमिरल माइकल बेकर भी उपस्थित रहे। भारत में किसी अमेरिकी नौसेना के जहाज की पहली बार मरम्मत होगी। अमेरिकी नौसेना ने जहाज के रखरखाव के लिए एलएंडटी के शिपयार्ड से अनुबंध किया था। अमेरिकी नौसैनिक पोत का यहां आना वैश्विक जहाज मरम्मत बाजार में भारत की शिपयार्ड की क्षमताओं को दर्शाता है।
इस मौके पर रक्षा सचिव ने चार्ल्स ड्रिव का स्वागत करते हुए कहा कि मरम्मत व सर्विस के लिए अमेरिकी जहाज का आना भारतीय जहाज निर्माण उद्योग ही नहीं, भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लिए भी एक रेड लेटर डे है। यह भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और हमारे गहरे जुड़ाव के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है।
रक्षा सचिव ने कहा कि भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के पास आज लगभग दो अरब डालर के कारोबार के साथ छह प्रमुख शिपयार्ड हैं। हमारा अपना डिजाइन हाउस है और यह सभी प्रकार के अत्याधुनिक जहाज बनाने में सक्षम है। डा. अजय ने कहा कि देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के विकास का एक चमकदार उदाहरण है।
रक्षा सचिव ने भारत अमेरिका के रक्षा संबंधों में प्रगति को लेकर कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग सहयोग में जबरदस्त वृद्धि हुई है। अमेरिकी दूतावास की महावाणिज्य दूत जूडिथ रविन ने इस मौके पर इसे भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों में एक नया अध्याय करार देते हुए इसे गहरे संबंधों का प्रमाण बताया। अमेरिकी नौसैनिक जहाज का कट्टुपल्ली शिपयार्ड में मरम्मत कार्य और अन्य सर्विस 11 दिनों तक चलेगा।