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US Presidential Election 2024: अमेरिका में कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव, यहां जानिए प्रक्रिया से जुड़ी हर बात

US Presidential Election Process अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे पास आती जा रही है मुख्य प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप में वार पलटवार की राजनीति तेज हो गई है। हर चार साल में होने वाले अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल होती है इसमें लगभग दो साल लगते हैं। आइए पूरी चुनावी प्रक्रिया को बारीकी से जानते हैं।

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 27 May 2024 05:57 PM (IST)
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US Presidential Election process अमेरिका के चुनाव की प्रक्रिया जानें।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। US Presidential Election process अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे पास आती जा रही है, मुख्य प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप में वार पलटवार की राजनीति तेज हो गई है। हर चार साल में होने वाले अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल होती है, इसमें लगभग दो साल लगते हैं। 

राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनने के लिए भी अमेरिका में चुनाव होता। इस पूरी प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिसमें कॉकस और प्राइमरी, राजनीतिक सम्मेलन, आम चुनाव, इलेक्टोरल कॉलेज शामिल है। 

आइए, पूरी चुनावी प्रक्रिया को बारीकी से जानते हैं।

ऐसे होती है चुनाव की शुरुआत

  • अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को होता है। अगला राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 को होगा।
  • अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से एक साल पहले ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अमेरिका में दो मुख्य राजनीतिक दल डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन हैं, जिनके उम्मीदवार ही चुनावी अभियान की शुरुआत करते हैं।
  • इस अभियान में अलग-अलग दलों के कई उम्मीदवार भाग लेते हैं और पैसा जुटाने के लिए रैली आयोजित करते हैं। 
  • इसके बाद डेमोक्रेट और रिपब्लिकन उम्मीदवार टीवी पर बहस शुरू करते हैं। बहस के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार अपनी नीतियों और अन्य मुद्दों पर अपना बचाव करता है।

चुनाव में होते हैं ये चरण

  • पहला चरण

सबसे पहले प्राइमरी और कॉकस दो ऐसे चरण है, जिससे लोग राज्यों और राजनीतिक दलों को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार चुनने में मदद करते हैं। इन दोनों का अपना-अपना महत्व है। 

कॉकस

यह एक ऐसा चरण है, जिसमें पार्टी सदस्य चर्चा के बाद वोटिंग करते हैं और सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन करते हैं। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के अलग उम्मीदवार चुने जाते हैं। इसमें प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए एक राजनीतिक पार्टी के स्थानीय सदस्यों की एक बैठक होती है। कॉकस में प्रतिनिधि को चुना जाता है। 

प्राइमरी

दूसरी ओर प्राइमरी में राष्ट्रपति चुनाव से पहले 6 से 9 महीने के अंदर लोग अपने उम्मीदवार को चुनते हैं। इसमें अलग-अलग पार्टी के विभिन्न प्रतिनिधियों में से सबसे अच्छे उम्मीदवार के लिए वोट किया जाता है, जो आम चुनाव में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगा। अधिकांश राज्य प्राइमरी चुनाव आयोजित करते हैं। प्राइमरी मतदाता गुप्त वोटिंग करके अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चयन करते हैं।

इसमें आयोवा, न्यू हैम्पशायर, नेवादा और साउथ कैरोलिना के नतीजों पर सबसे ज्यादा फोकस होता है। इन क्षेत्रों के नतीजे आमतौर पर यह निर्धारित करते हैं कि प्रत्येक पार्टी के लिए अंतिम राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा।

  • दूसरा चरणः नेशनल कन्वेंशन

राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए प्रतिनिधियों का बहुमत पाना होता है। प्रत्येक पार्टी राष्ट्रपति पद का अंतिम उम्मीदवार चुनने के लिए नेशनल कन्वेंशन (राष्ट्रीय सम्मेलन) आयोजित करती है।

इस चरण में, प्राइमरी और कॉकस के दौरान चुने गए प्रतिनिधि अपने पसंदीदा उम्मीदवारों का 'समर्थन' करते हैं। सम्मेलनों के अंत में प्रत्येक पार्टी से अंतिम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का एलान होता है। 

अगर प्राइमरी और कॉकस के दौरान किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिलता है, तो नेशनल कन्वेंशन प्रतिनिधि उम्मीदवार का चयन करते हैं।  

इस नेशनल कन्वेंशन में राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार अपने लिए एक 'उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार' चुनता है, जो कि उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार होता है। इसके बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लोगों का समर्थन जीतने के लिए पूरे देश में प्रचार करते हैं।

  • तीसरा चरण: राष्ट्रपति पद के लिए आम चुनाव

आम चुनावों में अमेरिका के हर राज्य के लोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए वोट करते हैं। उम्मीदवारों के नाम वोटिंग मशीन पर इस समय तक छप जाते हैं। दूसरी ओर छोटे राजनीतिक दलों और निर्दलीयों के पास राष्ट्रीय सम्मेलन की छूट नहीं होती, लेकिन वे पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद चुनाव में खड़े हो सकते हैं। 

जब लोग अपना वोट डालते हैं, तो वास्तव में वो एक ऐसे ग्रुप के लिए वोट कर रहे होते हैं जिन्हें इलेक्टर (निर्वाचक) कहा जाता है। राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के पास इलेक्टर का अपना ग्रुप होता है (जिसे स्लेट के रूप में जाना जाता है)। जब लोग राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए वोट करते हैं तो वो वास्तव में अपने उम्मीदवार के पसंदीदा इलेक्टर को चुन रहे होते हैं।

  • चौथा चरण: निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज)

अमेरिका में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव सीधे नागरिकों द्वारा नहीं किया जाता है। इसके बजाय, दोनों को इलेक्टोरल कॉलेज नामक प्रक्रिया से चुना जाता है। इलेक्टोरल कॉलेज वो प्रक्रिया है, जिसमें प्रत्येक राज्य के निर्वाचक या प्रतिनिधि यह निर्धारित करते हैं कि राष्ट्रपति कौन होगा। प्रत्येक राज्य को उसकी जनसंख्या के आकार के आधार पर निर्वाचकों की संख्या दी जाती है।

प्रत्येक राज्य की नीति के अनुसार कुल 538 निर्वाचक (इलेक्टर) चुने जाते हैं। प्रत्येक राज्य को कांग्रेस में उसके प्रतिनिधित्व के आधार पर एक निश्चित संख्या में इलेक्टर मिलते हैं। आम चुनाव के बाद निर्वाचक अपने वोट से राष्ट्रपति चुनता है और जिसे  270 वोट मिलते हैं, वह जीत जाता है।


यही कारण है कि नवंबर में होने वाले आम चुनाव यह तय नहीं करते कि कौन चुनाव जीता है। इसी कारण कई बार उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए आम चुनाव के दौरान लोगों द्वारा दीए वोटों में बहुमत पाए बिना , इलेक्टोरल वोटिंग में जीत जाता है। अंत में राष्ट्रपति को जनवरी में चुन लिया जाता है।