US Presidential Election 2024: अमेरिका में कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव, यहां जानिए प्रक्रिया से जुड़ी हर बात
US Presidential Election Process अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे पास आती जा रही है मुख्य प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप में वार पलटवार की राजनीति तेज हो गई है। हर चार साल में होने वाले अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल होती है इसमें लगभग दो साल लगते हैं। आइए पूरी चुनावी प्रक्रिया को बारीकी से जानते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। US Presidential Election process अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी जैसे-जैसे पास आती जा रही है, मुख्य प्रतिद्वंद्वी जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप में वार पलटवार की राजनीति तेज हो गई है। हर चार साल में होने वाले अमेरिकी चुनाव की प्रक्रिया काफी जटिल होती है, इसमें लगभग दो साल लगते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनने के लिए भी अमेरिका में चुनाव होता। इस पूरी प्रक्रिया में कई चरण होते हैं, जिसमें कॉकस और प्राइमरी, राजनीतिक सम्मेलन, आम चुनाव, इलेक्टोरल कॉलेज शामिल है।
आइए, पूरी चुनावी प्रक्रिया को बारीकी से जानते हैं।
ऐसे होती है चुनाव की शुरुआत
- अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हर चार साल में नवंबर के पहले सोमवार के बाद आने वाले पहले मंगलवार को होता है। अगला राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर 2024 को होगा।
- अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से एक साल पहले ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाती है। अमेरिका में दो मुख्य राजनीतिक दल डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन हैं, जिनके उम्मीदवार ही चुनावी अभियान की शुरुआत करते हैं।
- इस अभियान में अलग-अलग दलों के कई उम्मीदवार भाग लेते हैं और पैसा जुटाने के लिए रैली आयोजित करते हैं।
- इसके बाद डेमोक्रेट और रिपब्लिकन उम्मीदवार टीवी पर बहस शुरू करते हैं। बहस के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार अपनी नीतियों और अन्य मुद्दों पर अपना बचाव करता है।
चुनाव में होते हैं ये चरण
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पहला चरण
कॉकसयह एक ऐसा चरण है, जिसमें पार्टी सदस्य चर्चा के बाद वोटिंग करते हैं और सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार का चयन करते हैं। डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के अलग उम्मीदवार चुने जाते हैं। इसमें प्रतिनिधियों का चयन करने के लिए एक राजनीतिक पार्टी के स्थानीय सदस्यों की एक बैठक होती है। कॉकस में प्रतिनिधि को चुना जाता है।
प्राइमरीदूसरी ओर प्राइमरी में राष्ट्रपति चुनाव से पहले 6 से 9 महीने के अंदर लोग अपने उम्मीदवार को चुनते हैं। इसमें अलग-अलग पार्टी के विभिन्न प्रतिनिधियों में से सबसे अच्छे उम्मीदवार के लिए वोट किया जाता है, जो आम चुनाव में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगा। अधिकांश राज्य प्राइमरी चुनाव आयोजित करते हैं। प्राइमरी मतदाता गुप्त वोटिंग करके अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चयन करते हैं।
इसमें आयोवा, न्यू हैम्पशायर, नेवादा और साउथ कैरोलिना के नतीजों पर सबसे ज्यादा फोकस होता है। इन क्षेत्रों के नतीजे आमतौर पर यह निर्धारित करते हैं कि प्रत्येक पार्टी के लिए अंतिम राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा।
यही कारण है कि नवंबर में होने वाले आम चुनाव यह तय नहीं करते कि कौन चुनाव जीता है। इसी कारण कई बार उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए आम चुनाव के दौरान लोगों द्वारा दीए वोटों में बहुमत पाए बिना , इलेक्टोरल वोटिंग में जीत जाता है। अंत में राष्ट्रपति को जनवरी में चुन लिया जाता है।
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दूसरा चरणः नेशनल कन्वेंशन
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तीसरा चरण: राष्ट्रपति पद के लिए आम चुनाव
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चौथा चरण: निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज)
यही कारण है कि नवंबर में होने वाले आम चुनाव यह तय नहीं करते कि कौन चुनाव जीता है। इसी कारण कई बार उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए आम चुनाव के दौरान लोगों द्वारा दीए वोटों में बहुमत पाए बिना , इलेक्टोरल वोटिंग में जीत जाता है। अंत में राष्ट्रपति को जनवरी में चुन लिया जाता है।