Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'भारत को रूस से तेल खरीदने पर रोक नहीं सकते', अमेरिकी प्रवक्ता बोले- हर क्षेत्र में हम महत्वपूर्ण भागीदार

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि भारत और अमेरिका की दोस्ती सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि दोनों देश कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भागीदार हैं और अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Sun, 05 Mar 2023 09:45 AM (IST)
Hero Image
US Spokesperson Vedant Patel ने की भारतीयों की तारीफ।

नई दिल्ली, एएनआई। अमेरिका और भारत की दोस्ती अब जगजाहिर है। चाहे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हो या मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन, अमेरिका हर मौके पर भारत के साथ दिखा है। इस बात पर अब अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने भी मुहर लगाई है। पटेल ने कहा कि दोनों देशों के संबंध "सबसे अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंधों में से एक" है। 

रूस से तेल खरीदने पर दिया बयान

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में पटेल ने कहा कि अमेरिका और भारत रक्षा और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में पसंदीदा भागीदार बन चुके हैं। उन्होंने रूस से भारतीय तेल खरीद के बारे बोलते हुए कहा कि प्रत्येक देश अपने निर्णय लेता है। पटेल ने कहा कि हम तेल खरीदने से रोक नहीं सकते और अमेरिका तेल और गैस के दामों को नियंत्रित रखने के लिए सभी को बाजारों में अपना सामान बेचने के पक्ष में रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसा रूस के साथ नहीं है, वह केवल अपना लाभ चाहता है।

भारत से अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंध

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का उल्लेख करते हुए, पटेल ने कहा कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय बहुत जीवंत है और पिछले 50-60 वर्षों में अमेरिका में आप्रवास इस तरह से हुआ है कि "अब हमारे पास भारतीय मूल के उपराष्ट्रपति हैं"। पटेल ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत के साथ अमेरिका के द्विपक्षीय संबंध हमारे सबसे अधिक परिणामी द्विपक्षीय संबंधों में से एक हैं।

भारत-प्रशांत के लिए साझा दृष्टि

अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि भारत कई क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हम एकसाथ है और मुक्त और खुले भारत-प्रशांत के लिए साझा दृष्टि रखते हैं। पटेल ने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि हम दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और इसलिए हमारे बहुत सारे साझा मूल्य और साझा प्राथमिकताएं हैं।