नार्थ कोरिया के मिसाइल परीक्षण से बढ़ी तनातनी, अमेरिका ने तैनात की THAAD
नार्थ कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका ने दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए एंटी मिसाइल सिस्टम थाड को तैनात किया है। हालांकि इससे दोनों देशों के बीच तनातनी बढ गई है।
चार मिसाइल परीक्षणों के बाद उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है। इन मिसाइल परीक्षणों के बाद अमेरिका ने भी अपना रुख कड़ा करते हुए दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के लिए एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम थाड (टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस) तैनात कर दी हैं। गौरतलब है कि परमाणु हथियारों से सम्पन्न उत्तर कोरिया द्वारा प्रक्षेपित की गईं चार मिसाइलें जापान में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला करने के लिए प्रशिक्षण अभ्यास थीं। प्योंगयांग की सरकारी संवाद समिति केसीएनए से मिली जानकारी के मुताबिक खुद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने इसकी निगरानी की थी।
केसीएनए के मुताबिक उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल परीक्षण अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास से खफा होकर उठाया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक उत्तर कोरिया इन परीक्षणों के जरिए अमेरिका में सत्ता पर काबिज हुई नई सरकार की प्रतिक्रिया जानना चाहता है। इन चार मिसाइलों में तीन जापान सागर के विशिष्ठ आर्थिक क्षेत्र गिरी थीं। उत्तर कोरिया द्वारा किए गए इस परीक्षण के बाद अमेरिका और जापान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की अपील की है।
अमेरिका के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस के मुताबिक अमेरिका ने यह कदम दक्षिण कोरिया की सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है। हालांकि अमेरिका के इस फैसले के बाद दक्षिण कोरिया और चीन के बीच भी तनाव बढ़ने के आसार पैदा हो गए हैं। चीन पहले ही उत्तर कोरिया को अपना दाेस्त करार दे चुका है। हालांकि उसने यह भी कहा है कि वह उत्तर कोरिया द्वारा चलाए जा रहे परमाणु कार्यक्रम का समर्थन नहीं करता है। चीन का कहना है कि अमेरिका द्वारा तैनात थाड से क्षेत्र में सुरक्षा के माहौल पर संकट छा जाएगा।
उधर, उत्तर कोरिया ने साफ कर दिया है कि वह अपने ऊपर आए संकट में दुश्मनों पर परमाणु हमला करने से नहीं चूकेगा। उत्तर कोरिया के इन परीक्षणों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे से फोन पर बात भी की है। इस दौरान जापान ने इन परीक्षणों को सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन बताया है। ट्रंप ने इस बाबत दक्षिण कोरिया के कार्यकारी राष्ट्रपति से भी बात की है।
संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के तहत प्योंगयांग पर बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक के इस्तेमाल को लेकर रोक लगाई गई है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने ट्विटर पर कहा कि दुनिया उत्तर कोरिया को इस विनाशकारी मार्ग पर चलने की अनुमति नहीं देगी। उत्तर कोरिया ने पहला परमाणु परीक्षण 2006 में किया था. तब से संयुक्त राष्ट्र ने उस पर प्रतिबंधों के छह सेट लगाए हैं जो सभी उसकी इस मुहिम को रोकने में नाकामयाब रहे हैं। उत्तर कोरिया इन हथियारों को रक्षात्मक हथियार करार देता रहा है।
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