Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

जल्द पटरियों पर दौड़ेगी वंदे भारत स्लीपर, इस रूट से हो सकती है शुरूआत; रेल मंत्री का बड़ा एलान

Vande Bharat sleeper वंदे भारत ट्रेनों के सफल संचालन के बाद अब रेलवे इन ट्रेनों के स्लीपर वर्जन पर काम कर रहा है। इन ट्रेनों की निर्माण की प्रक्रिया लगभग पूरी होने वाली है और दो महीने के भीतर इन्हें फैक्ट्री से निकाला जाएगा। शुरूआत में कुछ चुनिंदा रूट में ही इनका संचालन किया जा सकता है जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 15 Jun 2024 08:47 PM (IST)
Hero Image
प्रारंभ में वंदे भारत स्लीपर की दो सेट ट्रेनें लाने की तैयारी है। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वंदे भारत की स्लीपर वर्जन ट्रेन जल्द ही पटरियों पर दौड़ने लग जाएंगी। पहली ट्रेन दो महीने के भीतर फैक्ट्री से निकल जाएगी। निर्माण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रारंभ में दो सेट ट्रेनें लाने की तैयारी है। पहले इनका ट्रायल होगा। उसके बाद नियमित संचालन किया जाएगा।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के क्रम में इसका संकेत दिया है। रेलवे अगले पांच वर्षों के दौरान लगभग ढाई सौ की संख्या में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें चलाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है।

इस रूट से हो सकती है शुरूआत

रूट का निर्णय अभी नहीं किया गया है, किंतु माना जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई या दिल्ली-कोलकाता रूट से शुरुआत की जा सकती है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रेल मंत्रालय वंदे भारत के अन्य संस्करणों पर काम कर रहा है। स्लीपर संस्करण की प्रत्येक ट्रेन में 16 बोगियां होंगी। एसी थ्री की 11, सेकेंड एसी की चार बोगियां एवं फ‌र्स्ट एसी की एक बोगी होगी।

प्रत्येक ट्रेन में एक बार में 887 लोग सोते हुए सफर कर सकेंगे। रेलवे का प्रयास इस ट्रेन को बैठकर सफर करने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस एवं राजधानी ट्रेनों से भी अधिक अपडेट एवं सुविधाजनक बनाने का है। वंदे भारत स्लीपर की गति क्षमता 220 से 240 किमी प्रतिघंटे की होगी, लेकिन ऑपरेटिंग स्पीड 165 किमी ही रहेगी। क्लासिक लकड़ी की डिजाइन वाली सीटें बनाई जा रही हैं, जो इस तरह आरामदायक होंगी कि यात्रियों को लक्जरी होटल की तरह महसूस होगा।

विशेष ट्रेनों में चार करोड़ लोगों ने की यात्रा

रात्योहारों एवं गर्मी की भीड़ को देखते हुए इस बार रेलवे ने 19 हजार 837 स्पेशल ट्रेनें चलाईं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि गर्मी की भीड़ को देखते हुए अप्रैल, मई और जून के दौरान ये स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। इन विशेष ट्रेनों में तीन महीने के दौरान चार करोड़ से अधिक लोगों ने यात्रा की। यह संख्या ट्रेनों में रोजाना यात्रा करने वाले लोगों के अतिरिक्त है।