असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी फैसले को बताया पूरी तरह से गलत, कहा- 'यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन'
वाराणसी अदालत ने हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर व्यास के तहखाने क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति दी। इस फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस- ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई और कहा कि यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने ANI को बताया कि सात दिनों के अंदर पूजा शुरू हो जायेगी।
एएनआई, नई दिल्ली। वाराणसी अदालत द्वारा हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 'व्यास के तहखाने' क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति दे दी गई है। कोर्ट के इस फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताई है। ओवैसी ने कहा कि यह पूजा स्थल अधिनियम (Places of Worship Act) का उल्लंघन है।
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए ओवैसी ने कहा, 'जिस जज ने फैसला सुनाया, रिटायरमेंट से पहले उनका आखिरी दिन था। जज ने 17 जनवरी को जिलाधिकारी को रिसीवर नियुक्त किया और आखिरकार उन्होंने सीधे फैसला सुना दिया है। उन्होंने खुद कहा कि 1993 के बाद से कोई नमाज नहीं पढ़ी गई। 30 साल हो गए। उन्हें कैसे पता चला कि अंदर मूर्ति है? यह पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है।'
7 दिनों के अदंर ग्रिल खोलने का आदेश
ओवैसी ने कोर्ट के इस फैसले को गलत बताया है। बता दें कि कोर्ट ने अपने आदेश में केवल 7 दिनों के अदंर ग्रिल खोलने का आदेश दिया है।
ओवैसी ने कहा, 'अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाना चाहिए था। ये गलत फैसला है। जब तक मोदी सरकार यह नहीं कहती कि वे पूजा स्थल अधिनियम के साथ खड़े हैं, तब तक यह चलता रहेगा। बाबरी मस्जिद स्वामित्व मुकदमे के फैसले के दौरान, मैंने यह आशंका व्यक्त की थी। पूजा स्थल अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की मूल संरचना का हिस्सा बनाया गया था, फिर निचली अदालतें आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही हैं?' उन्होंने आगे कहा कि इंतेजामिया मस्जिद कमेटी इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करेगी।
#WATCH | Gyanvapi case | AIMIM chief Asaduddin Owaisi says, "...The decision taken by the court has decided the entire matter...This is a violation of the Places of Worship Act, 1991...This is a completely wrong decision..." (31.1) pic.twitter.com/NKM0QtEnP9— ANI (@ANI) February 1, 2024
हिंदू पक्ष में सुनाया फैसला
बुधवार को वाराणसी अदालत ने हिंदू भक्तों को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर 'व्यास के तहखाने' क्षेत्र में प्रार्थना करने की अनुमति दी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा है। हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने एएनआई को बताया कि सात दिनों के अंदर पूजा शुरू हो जायेगी। सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।
बता दें कि मस्जिद में चार 'तहखाने' (तहखाने) हैं, जिनमें से एक अभी भी व्यास परिवार के कब्जे में है, जो वहां रहते थे। व्यास ने याचिका दायर की थी कि, वंशानुगत पुजारी के रूप में, उन्हें तहखाना में प्रवेश करने और पूजा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए।
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