Move to Jagran APP

सरकार और Vedanta-Foxconn ग्रुप के बीच हुआ करार, सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले का हब बनेगा गुजरात

वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि यह परियोजना जिससे 1 लाख प्रत्यक्ष कुशल रोजगार प्रदान करने के अलावा भारत के इलेक्ट्रॉनिक आयात को कम करने की उम्मीद है। यह देश के विनिर्माण क्षेत्र की मदद करेगी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 01:43 PM (IST)
Hero Image
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में MoU पर हुए हस्ताक्षर
नई दिल्ली, एजेंसी। सेमीकंडक्टर (Semiconductor) के मामले में अब भारत आत्मनिर्भर बनने जा रहा है।  भारतीय समूह वेदांता (Vedanta) और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) ने सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई लगाने के लिए गुजरात सरकार के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। गांधीनगर में आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम भूपेंद्र पटेल की मौजूदगी में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

इस दौरान वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारत में एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए वेदांत-फॉक्सकॉन ने अपने सेमीकंडक्टर संयंत्र के लिए गुजरात को चुना है। लगभग 1.54 लाख करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने के लिए राज्य सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

वेदांता का 1.54 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक निवेश

अग्रवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि इतिहास बनता है! यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नया वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात में स्थापित किया जाएगा। वेदांता का 1.54 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक निवेश भारत की आत्मनिर्भर सिलिकॉन वैली को एक वास्तविकता बनाने में मदद करेगा।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि यह परियोजना, जिससे 1 लाख प्रत्यक्ष कुशल रोजगार प्रदान करने के अलावा भारत के इलेक्ट्रॉनिक आयात को कम करने की उम्मीद है। यह देश के विनिर्माण क्षेत्र की मदद करेगी।

भारत का तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र बढ़ेगा: अनिल अग्रवाल

साथ ही उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार और केंद्रीय आईटी मंत्री के प्रति मेरी गहरी कृतज्ञता है, जिन्होंने वेदांत को इतनी जल्दी चीजों को जोड़ने में मदद की है। भारत का तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र बढ़ेगा, जिससे हर राज्य नए इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्रों के माध्यम से लाभान्वित होगा।

वेदांता के अध्यक्ष ने ट्वीट करते हुए कहा कि भारत की अपनी सिलिकॉन वैली अब एक कदम और करीब है। उन्होंने ट्वीट किया, 'भारत न केवल अपने लोगों की बल्कि समुद्र के पार के लोगों की भी डिजिटल जरूरतों को पूरा करेगा। चिप टेकर से चिप मेकर बनने का सफर आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है...जय हिंद!'