Vehicle Scrapping Policy: एक साल में केवल 5426 वाहनों की हुई स्क्रैपिंग, उत्तर प्रदेश सबसे आगे
अपनी आयु पूरी कर चुके अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को समाप्त करने के लिए लाई गई वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत पिछले एक साल में छह राज्यों में केवल 5359 निजी और 67 वाणिज्यिक गाड़ियों को ही स्क्रैप किया जा सका है। File Photo
By Manesh TiwariEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 08 Feb 2023 07:28 PM (IST)
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। अपनी आयु पूरी कर चुके अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को समाप्त करने के लिए लाई गई वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत पिछले एक साल में छह राज्यों में केवल 5359 निजी और 67 वाणिज्यिक गाड़ियों को ही स्क्रैप किया जा सका है। इसमें भी उत्तर प्रदेश और गुजरात दो ही राज्य हैं, जहां व्यावसायिक वाहनों की स्क्रैपिंग हुई है।
स्क्रैप नीति के तहत कई तरह के प्रोत्साहन
यह स्थिति तब है जब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय वाहनों के जरिये होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्क्रैप नीति के तहत कई तरह के प्रोत्साहन दे रहा है, जिसमें रजिस्ट्रेशन फीस के साथ रोड टैक्स में छूट जैसे उपाय शामिल हैं। इसी नीति के तहत मंत्रालय ने आगामी एक अप्रैल से 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों, जिनमें तमाम निगमों और निकायों के वाहन भी शामिल हैं, की अनिवार्य स्क्रैपिंग के लिए कहा है।
31 जनवरी 2023 तक कुल 5426 वाहन स्क्रैप किए गए
इन वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्रों यानी आरवीएसएफ पर स्क्रैप किया जाना है। निजी क्षेत्र द्वारा संचालित इन केंद्रों में एक जनवरी 2022 से 31 जनवरी 2023 तक कुल 5426 वाहन स्क्रैप किए गए हैं, जिनमें निजी और व्यावसायिक वाहन शामिल हैं। 15 साल पुराने वाहनों की अनिवार्य स्क्रैपिंग के नियम से रक्षा सेवाओं, कानून एवं व्यवस्था तथा आंतरिक सुरक्षा में लगे वाहनों को छूट दी गई है।सूची में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के डाटा के मुताबिक, पिछले एक साल में केवल छह राज्यों में पुराने-अनुपयुक्त तथा प्रदूषण फैलाने वाले वाहन स्क्रैप किए गए हैं। उनमें भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है जहां 4059 निजी तथा 50 व्यावसायिक वाहनों की स्क्रैपिंग की गई है। दूसरे नंबर पर गुजरात है। यहां 1053 निजी तथा 17 व्यावसायिक वाहन स्क्रैप हुए हैं।
उत्तर प्रदेश और गुजरात के अलावा जिन अन्य राज्यों अथवा केंद्रशासित क्षेत्रों में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधाओं में गाड़ियों की स्क्रैपिंग हुई है, उनमें असम, हरियाणा, मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ शामिल हैं। असम में केवल सात निजी, हरियाणा में 40, मध्य प्रदेश में 188 और चंडीगढ़ में 12 वाहनों की स्क्रैपिंग हुई है। राज्यों में पुराने वाहनों की स्क्रैपिंग की धीमी रफ्तार का एक कारण आरवीएसएफ की सीमित संख्या भी है। मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक, अभी इन छह राज्यों में 11 पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्र ही कार्य कर रहे हैं।