Positive News: एक हाथ से दे रहे जीवन को आकार, मटके बनाकर चल रहा जीवनयापन
तमिलनाडु के माधुरी निवास में रहने वाले वेलमगुरगन नाम के शख्स ने अपना एक हाथ जरूर खो दिया है लेकिन उन्होंने कुम्हार का काम शुरू करके मिसाल पेश की है।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Tue, 10 Sep 2019 12:33 PM (IST)
चेन्नई, एएनआइ। तमिलनाडु के माधुरी निवास में रहने वाले वेलमगुरगन नाम के शख्स ने एक कंपनी में काम करते हुए अपने एक हाथ की कलाई खो दी। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं खोई और उनकी हिम्मत देखने के बाद आप भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएंगे। हाथ खोने के बाद भी वह बड़ी ही सफाई से अपने भविष्य को आकार दे रहे हैं। आज वह एक सफल कुम्हार हैं और इसी से अपना जीवनयापन कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बेहद ही प्यारे मटके बनाए हैं। उनकी ही तरह जिंदगी से किसी न किसी तरह सताए हुए लोगों के लिए वेलमगुरगन प्रेरणा बन रहे हैं।
कंपनी पर लगाया आरोप
वेलमगुरगन ने आरोप लगाया गया है कि तमिलनाडु की जिस कंपनी में वह काम करते थे, वहां से उन्हें कोई मुआवजा तक नहीं मिला। बता दें कि वेलमगुरमन काफी गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। उनकी शादी हो चुकी है और उनकी पत्नी ने वेलमुगरमन की हौसला बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। पत्नी ने ही उन्हें आगे काम करने के लिए भी प्रेरित किया। पत्नी के गहने बेच शुरू किया काम
वेलमगुरगन ने कंपनी में काम करने के दौरान अपना हाथ खोया, लेकिन अपनी हिम्मत को बनाए रखा। उनके पास अपना काम शुरू करने लिए धन भी नहीं था और एक हाथ न होने के चलते वह सीमित काम ही काम कर सकते हैं। ऐसे में दूसरी नौकरी मिलना भी उनके लिए काफी मुश्किल हो गया था। कुछ समय बाद अपनी पत्नी की सहायता से उन्होंने अपना काम करना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी की ज्वैलरी बैच दी और कुम्हार का काम करना शुरू किया। इस काम में उनके साथ उनकी पत्नी भी उनका साथ देती हैं।
वेलमगुरगन ने आरोप लगाया गया है कि तमिलनाडु की जिस कंपनी में वह काम करते थे, वहां से उन्हें कोई मुआवजा तक नहीं मिला। बता दें कि वेलमगुरमन काफी गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। उनकी शादी हो चुकी है और उनकी पत्नी ने वेलमुगरमन की हौसला बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। पत्नी ने ही उन्हें आगे काम करने के लिए भी प्रेरित किया। पत्नी के गहने बेच शुरू किया काम
वेलमगुरगन ने कंपनी में काम करने के दौरान अपना हाथ खोया, लेकिन अपनी हिम्मत को बनाए रखा। उनके पास अपना काम शुरू करने लिए धन भी नहीं था और एक हाथ न होने के चलते वह सीमित काम ही काम कर सकते हैं। ऐसे में दूसरी नौकरी मिलना भी उनके लिए काफी मुश्किल हो गया था। कुछ समय बाद अपनी पत्नी की सहायता से उन्होंने अपना काम करना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी की ज्वैलरी बैच दी और कुम्हार का काम करना शुरू किया। इस काम में उनके साथ उनकी पत्नी भी उनका साथ देती हैं।
चाहते हैं सरकारी नौकरी
एक हाथ खोने के बाद वेलमगुरगन ने भले ही कुम्हार का काम शुरू कर दिया, लेकिन वह अंदरूनी तौर पर काफी परेशान हो गए। कंपनी की तरफ से भी उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। भले ही उन्होंने गजब की हिम्मत दिखायी हो, लेकिन एक हाथ से काम करना कष्टदायक तो है ही। शायद यही कारण है कि वह सरकारी नौकरी चाहते हैं, ताकि उनका जीवन कुछ आसान हो सके। यह भी पढ़ें: World Suicide Prevention Day: भारत में 15 से 29 वर्ष के लोग लगा रहे मौत को गले
एक हाथ खोने के बाद वेलमगुरगन ने भले ही कुम्हार का काम शुरू कर दिया, लेकिन वह अंदरूनी तौर पर काफी परेशान हो गए। कंपनी की तरफ से भी उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। भले ही उन्होंने गजब की हिम्मत दिखायी हो, लेकिन एक हाथ से काम करना कष्टदायक तो है ही। शायद यही कारण है कि वह सरकारी नौकरी चाहते हैं, ताकि उनका जीवन कुछ आसान हो सके। यह भी पढ़ें: World Suicide Prevention Day: भारत में 15 से 29 वर्ष के लोग लगा रहे मौत को गले