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Venezuela: दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार फिर भी मंदी, ऐसा क्या हुआ जो देश छोड़ने पर मजबूर हुए लाखों लोग?

वेनेजुएला राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे 28 जुलाई को घोषित किए गए। निकोलस मादुरो ने तीसरी बार जीत हासिल की। इसी के साथ मादुरो 2025 से 2031 तक के लिए राष्ट्रपति बने रहेंगे। रिजल्ट घोषित होने के अगले दिन ही लोग सड़कों पर उतरे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। निकोलस मादुरो की जीत से लोगों के अंदर आक्रोश बढ़ गया है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 30 Jul 2024 01:40 PM (IST)
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ऐसा क्या हुआ कि वेनेजुएला छोड़ने पर मजबूर हुए लाखों लोग (Image: Reuters)

Venezuela  Economic Crisis: एक समय था जब वेनेजुएला लैटिन अमेरिका में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में रहती थी। हाल के इतिहास में अगर किसी देश ने सबसे खराब आर्थिक पतन का अनुभव किया है तो वो है वेनेजुएला। तेल की कीमत में गिरावट के कारण देश में आर्थिक और राजनीतिक संकट पैदा हुआ। बता दें कि तेल वेनेजुएला देश के लिए एक प्रमुख निर्यात है।

 

वेनेजुएला की आर्थिक स्थिति बद से बदत्तर

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब वेनेजुएला की आर्थिक स्थिति बद से बदत्तर हो गई है। ये देश अब आवश्यक वस्तुओं की कमी और बढ़ती मुद्रास्फीति से जूझ रहा है। उपलब्ध वस्तुएं अधिकांश लोगों के लिए बहुत महंगी हैं, जिसके कारण लाखों लोग पलायन करने को मजबूर हैं। इसमें वे हजारों लोग भी शामिल हैं जो उत्तर की ओर पैदल यात्रा कर अमेरिका की दक्षिणी सीमा तक पहुंचे हैं।

अमेरिका और यूरोपीय संघ ने वर्षों से देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के शासन पर कठोर प्रतिबंध लगाए हैं। इस देश की जनता और अन्य देश इस संकट के लिए मादुरो को जिम्मेदार ठहराते है।

क्या वेनेजुएला की आर्थिक स्थिति कभी सुधरेगी? 

पिछले साल, मादुरो ने अमेरिका की मध्यस्थता में प्रतिबंधों में राहत के बदले निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने का वादा किया था, लेकिन रविवार के चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद अब इस बात पर संदेह पैदा हो गया है कि क्या वेनेजुएला की आर्थिक स्थिति कभी सुधरेगी? 

वेनेजुएला के कैसे हैं हालात?

  • राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के 11 साल से सत्ता में रहने की वजह से इस देश की जीडीपी 80 फीसदी नीचे चली गई है। 
  • मादुरो के राष्ट्रपति बनने के कुछ समय बाद ही, वैश्विक तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई।
  • वेनेजुएला, जो अपनी आय के लिए लगभग पूरी तरह से तेल राजस्व पर निर्भर है-सात साल की मंदी में चला गया।
  • इस देश में मंहगाई और गरीबी से लोगों का हाल-बेहाल है।
  • 2015 से अब तक 7.7 मिलियन से अधिक लोग देश छोड़ चुके हैं।
  • बिजली संकट से लेकर आम आदमी की भूखों मरने की हालत हो गई है। 
  • दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार होने के बावजूद यहां के लोगों को गरीबी में अपना गुजारा करना पड़ रहा है। 
  • समाजवादी नीतियां और अमेरिका के साथ टकराव ने इस देश को अमीर से गरीब बना दिया। 

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