वेणुगोपाल का जस्टिस काटजू के खिलाफ अवमानना कार्यवाही से किनारा , कहा- 16 सालों ने उनको जानता हूं
काटजू ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की एक अदालत में गवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी की थी। नीरव मोदी करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले को लेकर भारत में वांछित है।
By Neel RajputEdited By: Updated: Tue, 30 Mar 2021 10:43 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र। ब्रिटेन से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू के खिलाफ सर्वोच्च अदालत की अवमानना के मामले को शुरू करने से अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने काटजू के खिलाफ अदालत की आपराधिक अवमानना के मामले पर कार्यवाही शुरू करने की याचिका से बचते हुए कहा कि वह पिछले 16 सालों से काटजू को जानते हैं इसलिए वह इस मामले को देखने के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (महान्यायवादी) ने मंगलवार को याचिकाकर्ता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव के सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'मुझे यह बताना होगा कि मैं न्यायमूर्ति काटजू को कई वर्षों से जानता हूं और हम तब से एक दूसरे से संपर्क में रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यह उपयुक्त नहीं होगा कि मैं इस विषय से निपटूं।'काटजू ने भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की एक अदालत में गवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी की थी। नीरव मोदी करोड़ों रुपये के पीएनबी घोटाले को लेकर भारत में वांछित है।
वेणुगोपाल ने कहा कि अदालत की अवमानना अधिनियम,1971 की धारा 15 (3) के मुताबिक अटार्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल आपराधिक अवमानना की कार्यवाही के लिए स्वीकृति दे सकते हैं, बशर्ते कि इसके लिए उपयुक्त मामला बनता हो। वेणुगोपाल ने एक मार्च को लिखे अपने एक पन्ने के पत्र में श्रीवास्तव से कहा, 'यदि ऐसी सलाह दी गई है, तो आप स्वीकृति के लिए अपनी अर्जी सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को दे सकते हैं।' श्रीवास्तव ने कहा है कि ब्रिटेन की अदालत ने न्यायमूíत (सेवानिवृत्त) काटजू की कथित अवमानना वाली टिप्पणी साक्ष्य के तौर पर नीरव के पक्ष में दर्ज की है।