उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने की चिदंबरम की 'पार्ट-टाइमर' वाले बयान की निंदा, कहा- मेरे पास उनकी टिप्पणी के जवाब में कोई शब्द नहीं
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान की आलोचना की है। पी चिदंबरम ने कहा था कि नए कानून पार्ट टाइम लोगों ने तैयार किए हैं। इसपर धनखड़ ने कहा सुबह जब एक राष्ट्रीय दैनिक में चिदंबरम के साक्षात्कार को पढ़ा तो मैं शब्दों से परे चौंक गया। धनखड़ ने कहा क्या हम संसद में पार्ट-टाइमर हैं? यह संसद की बुद्धिमता का अक्षम्य अपमान है।
पीटीआई, तिरुवनंतपुरम। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर उनकी इस टिप्पणी के लिए हमला बोला कि तीन नए आपराधिक कानून 'अंशकालिक लोगों द्वारा तैयार किए गए' हैं। उन्होंने इसे 'अक्षम्य' करार दिया और उनसे अपने 'अपमानजनक, बदनाम करने वाले और अपमानजनक' बयान को वापस लेने का आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- ये माफी योग्य नहीं
धनखड़ ने कहा कि जब उन्होंने सुबह एक प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक को दिए गए चिदंबरम के साक्षात्कार को पढ़ा तो वह 'शब्दों से परे स्तब्ध' हो गए, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'नए कानून अंशकालिक लोगों द्वारा तैयार किए गए थे।' उन्होंने कहा, "क्या हम संसद में अंशकालिक लोग हैं? यह संसद की बुद्धिमत्ता का एक अक्षम्य अपमान है... मेरे पास इतने मजबूत शब्द नहीं हैं कि मैं इस तरह की कहानी को हवा दे सकूं और एक सांसद को अंशकालिक करार दे सकूं।"
#WATCH | On Congress leader P Chidambaram's remarks over new criminal laws, Vice President Jagdeep Dhankhar says, "...Are we part-timers in Parliament? Inexcusable insult to the wisdom of Parliament...I am shocked beyond words. Please beware of the minds who deliberately as a… pic.twitter.com/2EvtdHeDmf— ANI (@ANI) July 6, 2024
धनखड़ ने कहा, "मैं इस मंच से उनसे (चिदंबरम) अपील करता हूं कि कृपया सांसदों के बारे में इस अपमानजनक, बदनाम करने वाले और अत्यधिक अपमानजनक बयान को वापस लें।" उपराष्ट्रपति ने यहां भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे उम्मीद है कि वह ऐसा करेंगे।"
चिदंबरम के बयान ने मुझे चौंका दिया
धनखड़ ने आगे कहा कि जब जानकार लोग जानबूझकर आपको गुमराह करते हैं, तो हमें सावधान रहने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने कहा, "आज सुबह जब मैंने एक अखबार पढ़ा, तो एक जानकार व्यक्ति, जो इस देश का वित्त मंत्री रहा है, लंबे समय तक सांसद रहा है और वर्तमान में राज्यसभा का सदस्य है, ने मुझे चौंका दिया।"
धनखड़ ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि संसद ने हमें औपनिवेशिक विरासत से मुक्त करके और युगांतरकारी आयाम वाले तीन कानून देकर एक महान काम किया है। उन्होंने कहा, "दंड विधान से हम न्याय विधान तक आ गए हैं।" उपराष्ट्रपति ने कहा कि जब तीन कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय सुरक्षा अधिनियम - पारित हुए, तो प्रत्येक सांसद को योगदान देने का अवसर मिला। सदन में बहस हो रही है।
'चिदंबरम ने अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं किया'
उन्होंने कहा, "भारी मन से मैं आपसे साझा कर रहा हूं कि इस माननीय सज्जन, संसद के एक प्रतिष्ठित सदस्य, जिनके पास वित्त मंत्री के रूप में एक महान पृष्ठभूमि है, ने अपनी शक्ति का उपयोग नहीं किया। उन्होंने बहस के दौरान अपनी आवाज को दबाए रखा।"
धनखड़ ने कहा कि चिदंबरम को 'अपने कर्तव्य की विफलता, चूक/कमी, कर्तव्य की उपेक्षा, जिसे कभी भी समझाया नहीं जा सकता' के लिए खुद को जवाबदेह ठहराना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने आगे दावा किया कि न केवल चिदंबरम, बल्कि वरिष्ठ अधिवक्ताओं सहित कानूनी बिरादरी के अन्य प्रतिष्ठित सहयोगी 'राष्ट्र की मदद के लिए आगे नहीं आए।'