CBI को पिंजरे का तोता बताने पर SC को उपराष्ट्रपति धनखड़ की नसीहत, इशारों-इशारों में क्या कहा?
Jagdeep Dhankhar to SC सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को पिंजरे में कैद तोता कहने के बाद अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इशारों-इशारों में एससी को खास नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि देश के सभी अंगों को मिलकर काम करने की जरूरत है और संस्थाएं कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं और कुछ खास टिप्पणियां उन्हें हतोत्साहित कर सकती हैं।
एजेंसी, नई दिल्ली। Jagdeep Dhankhar to SC सुप्रीम कोर्ट के एक जज द्वारा सीबीआई को पिंजरे में कैद तोता कहने के बाद अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इशारों-इशारों में संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अंगों को मिलकर काम करने की जरूरत है और संस्थाएं कठिन परिस्थितियों में काम करती हैं और कुछ टिप्पणियां उन्हें हतोत्साहित कर सकती हैं।
तो राजनीतिक बहस को दे देंगे जन्म
धनखड़ ने आगे कहा कि अगर कुछ गलत टिप्पणी की जाती है तो वो राजनीतिक बहस को जन्म दे सकती हैं और एक कहानी को जन्म दे सकती हैं। एक वकील के रूप में लंबे और शानदार करियर वाले उपराष्ट्रपति ने मुंबई के एक स्कूल और जूनियर कॉलेज में संविधान मंदिर के उद्घाटन समारोह में यह टिप्पणी की।
न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका का एक ही उद्देश्य
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के सभी अंगों न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका का एक ही उद्देश्य है और वो है संविधान की मूल भावना की सफलता सुनिश्चित करना, आम लोगों को सभी अधिकारों की गारंटी देना और भारत को समृद्ध और समृद्ध बनाने में मदद करना।तो सही काम करने वाले भी हतोत्साहित होंगे...
उपराष्ट्रपति ने कहा,
धनखड़ ने कहा कि हमारी संस्थाएं चुनाव आयोग, जांच एजेंसियां जो कठिन परिस्थितियों में अपना कर्तव्य निभाती हैं, एक टिप्पणी उन्हें हतोत्साहित कर सकती है। यह एक राजनीतिक बहस को जन्म दे सकती है। यह एक कथन को जन्म दे सकती है। हमें अपनी संस्थाओं के बारे में बेहद सचेत रहना होगा।एक संस्था तभी अच्छी तरह से काम करती है जब वह कुछ सीमाओं के प्रति सचेत हो। कुछ सीमाएं स्पष्ट होती हैं, कुछ सीमाएं बहुत सूक्ष्म होती हैं। इन पवित्र मंचों न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका को राजनीतिक भड़काऊ बहस का ट्रिगर पॉइंट नहीं बनना चाहिए जो चुनौतीपूर्ण और कठिन माहौल में राष्ट्र की अच्छी सेवा करने वाली स्थापित संस्थाओं के लिए हानिकारक है।
केजरीवाल मामले में जज ने दिया था ये बयान
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर अपने फैसले में सीबीआई को पिंजरे में कैद तोता बताया था। अदालत ने केजरीवाल को गिरफ्तारी के छह महीने बाद जमानत दे दी थी।