विकास के अभूतपूर्व पथ पर आगे बढ़ रहा भारत, 2047 तक बन जाएगा ग्लोबल लीडर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राजधानी दिल्ली में बीएसएफ के वार्षिक रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति उसकी सुरक्षा से जुड़ी हुई है।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 24 May 2023 04:50 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अक्सर देश के विकास के विषय पर बात करते हैं। एक बार फिर बुधवार को उन्होंने भारत के आर्थिक विकास का जिक्र किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत विकास के अभूतपूर्व पथ पर आगे बढ़ रहा है। 2047 तक, जिस साल आजादी के सौ साल पूरे होंगे उस वक्त देश विश्व का नेतृत्व करेगा।
रक्षा बल भारत के 'समग्र विकास' के संरक्षक
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राजधानी दिल्ली में बीएसएफ के वार्षिक 'रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान' में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की तारीफ की। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति उसकी सुरक्षा से जुड़ी हुई है। धनखड़ ने जोर देकर कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसे रक्षा बल भारत का पूरी तरह से विकास करने का काम करते हैं।
क्या है रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान?
'रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान' बीएसएफ के पहले प्रमुख और संस्थापक पिता केएफ रुस्तमजी की याद में आयोजित किया जाता है। बता दें कि रुस्तमजी 1965-74 के दौरान 3.25 लाख-मजबूत बल के महानिदेशक थे। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना 1965 में हुई थी और इसे मुख्य रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमा की रक्षा करने का काम सौंपा गया था।उपराष्ट्रपति ने सुरक्षा बलों के प्रति बताया हमारा कर्तव्य
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा देश की प्रगतिशील समृद्धि की आधारशिला थी और जो विकास पहले होना चाहिए था वह अब हो रहा है। धनकड़ ने कहा, ''आप देखते हैं कि हमारे पास किस तरह का सड़क बुनियादी ढांचा है, जिस तरह की तकनीकी भागीदारी हो रही है, जिस तरह के हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं और जिस तरह की सुविधाएं मानव संसाधन के लिए बनाई जा रही हैं...वह शानदार हैं।
बीएसएफ जैसे सुरक्षा बलों के प्रति यह कोई दायित्व नहीं है यह हमारा कर्तव्य है। धनखड़ ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि अब इन मुद्दों पर ध्यान दिया जा रहा है।
धनखड़ ने की BSF तारीफ की
संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने BSF के काम की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर ड्रग्स और मानव तस्करी के साथ ही मवेशी की तस्करी की जांच के लिए बेहद कठिन परिस्थितियों में BSF ने काम किया। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति ने सभी सीमावर्ती राज्यों से बीएसएफ की जरूरतों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने का आह्वान भी किया।