Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jagdeep Dhankhar: 'महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में मिलेगा उचित प्रतिनिधित्व', उपराष्ट्रपति का बड़ा बयान

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की गरिमा को हमारी संस्थाओं पर कोई कालिख लगाए और हम बर्दाश्त करें ये हमारी संस्कृति नहीं है। हमें आगे चलकर फ्रंटफुट पर खेलना चाहिए। मैंने महिला शक्ति को निकट से देखा और परखा है। मैं तीन साल तक बंगाल का राज्यपाल रहा। उन्होंने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं जिन्हें जादूगर भी कहा जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Tue, 05 Sep 2023 05:33 AM (IST)
Hero Image
महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में मिलेगा उचित प्रतिनिधित्व: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

जयपुर, ऑनलाइन डेस्क। संसद के विशेष सत्र से पहले महिला आरक्षण बिल को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही संविधान में संशोधन के साथ महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिलेगा। जिसके बाद 2047 से पहले ही भारत को "नंबर एक" देश बना देगा। राजस्थान के जयपुर में महारानी महाविद्यालय की छात्राओं के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "जहां तक संविधान का सवाल है, मैं चाहता हूं कि आप लड़कियां ध्यान दें - पंचायतों और नगर पालिकाओं में सभी चुनावों में लड़कियों और महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण मिलता है। यह आरक्षण बहुत महत्वपूर्ण है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 और आदित्य-एल1 अंतरिक्ष मिशनों के पीछे "दूरदृष्टि और वैज्ञानिक स्वभाव" की मजबूत महिलाएं थीं, जिन्होंने भारत को गौरव दिलाया। महिलाओं को राष्ट्र के विकास में योगदान देना होगा क्योंकि वे "इसमें 50 प्रतिशत" हैं। 2022 में भारत की प्रति व्यक्ति डेटा खपत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन की तुलना में अधिक थी। इसलिए हमें भारतीयों पर गर्व होना चाहिए।

नई शिक्षा नीति पर धनखड़ ने कहा, "शिक्षा क्षेत्र में नई शिक्षा नीति एक महत्वपूर्ण मोड़ है, एक बड़ा मील का पत्थर है, जो तीन दशकों के बाद विकसित हुआ है। सभी हितधारकों को एकजुट होना पड़ा। यही कारण है कि हमारे पास नए अवसर हैं। आप कभी भी तनाव में न रहें। यदि आपके पास कोई अच्छा विचार आता है, तो उसे अपने दिमाग में न रखें, उस पर अमल करें, असफल होने से न डरें।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज भारत मजबूत स्थिति में है, लेकिन पता नहीं कुछ लोग क्यों मतबूत भारत को मजबूर दिखाना चाहते हैं। मजबूरी की बात करने वालों को जवाब देना आप सभी का काम है। उपराष्ट्रपति सोमवार को जयपुर स्थित महारानी कालेज में राष्ट्रीय निर्माण में महिलाओं की भागीदारी विषय पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने छात्राओं से कहा कि आप आलोचक बनें। समझदारी से काम लीजिए, लेकिन अपनी बात रखिए। अंत में निर्णय देश के पक्ष में होना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की गरिमा को, हमारी संस्थाओं पर कोई कालिख लगाए और हम बर्दाश्त करें, ये हमारी संस्कृति नहीं है। हमें आगे चलकर फ्रंटफुट पर खेलना चाहिए। मैंने महिला शक्ति को निकट से देखा और परखा है। मैं तीन साल तक बंगाल का राज्यपाल रहा। उन्होंने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, जिन्हें जादूगर भी कहा जाता है।

उन्होंने विधानसभा के कार्यक्रम में मुझसे पूछा था कि आपने ऐसा क्या जादू कर दिया कि ममता बनर्जी ने भी उपराष्ट्रपति बनने पर आपका विरोध नहीं किया। मैंने उनसे कहा था कि यह सीक्रेट है, पर मैं महारानी कालेज में यह सीक्रेट आकर बताऊंगा। महिला शक्ति के बारे में इतना ही कह सकता हूं कि मेरी एक ही ताकत है। मेरी दादी, नानी, मां और पत्नी मेरी ताकत हैं। चारों की चारों अत्यंत प्रतिभाशाली और कठोर हैं।

उपराष्ट्रपति ने छात्राओं से कहा कि मैं आपको एक-दो गुरुमंत्र देकर जा रहा हूं। उन्हें जीवन में फालो करना। लोग कहते हैं कि आसमान गिर जाएगा, हजारों सालों से एक बार भी नहीं गिरा। अगर कोई अच्छा विचार आपके दिमाग में आ गया है तो दिमाग को पार्किंग स्टेशन मत बनाओ। कहा, देश की गरिमा और संस्थाओं पर कोई कालिख लगाए, ये हमारी संस्कृति नहीं।