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' पड़ोसी देशों में हिंदुओं की दुर्दशा पर चुप क्यों है दुनिया,' उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दी चेतावनी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के पड़ोसी देशों में हिंदुओं की दुर्दशा पर दुनिया की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने पड़ोस में हिंदुओं के मानवाधिकार उल्लंघन का जिक्र किया और दुनिया की चुप्पी पर सवालिया निशाना लगाया और कहा कि इस तरह के उल्लंघन के प्रति अत्यधिक सहिष्णु होना उचित नहीं है। उन्होंने कहा वे ऐसी चीज के भाड़े के टट्टू हैं जो पूरी तरह मानवाधिकारों के प्रतिकूल है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 18 Oct 2024 09:56 PM (IST)
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दी चेतावनी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआई: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत के पड़ोसी देशों में हिंदुओं की दुर्दशा पर दुनिया की चुप्पी को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने पड़ोस में हिंदुओं के मानवाधिकार उल्लंघन का जिक्र करते हुए इस मुद्दे पर दुनिया की चुप्पी पर सवालिया निशाना लगाया और कहा कि इस तरह के उल्लंघन के प्रति अत्यधिक सहिष्णु होना उचित नहीं है।

उपराष्ट्रपति ने शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के स्थापना दिवस समारोह में तथाकथित नैतिक उपदेशकों, मानवाधिकारों के संरक्षकों की गहरी चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी असलियत सामने आ गई है।

'अपराधों के प्रति अत्यधिक सहिष्णु होना उचित नहीं'

उन्होंने कहा, 'वे ऐसी चीज के भाड़े के टट्टू हैं, जो पूरी तरह मानवाधिकारों के प्रतिकूल है। हम बहुत सहिष्णु हैं और ऐसे अपराधों के प्रति अत्यधिक सहिष्णु होना उचित नहीं है। लड़के-लड़कियों और महिलाओं को किस तरह की बर्बरता, यातना और मानसिक आघात को झेलना पड़ता है, उस पर गौर कीजिए। हमारे धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया जा रहा है।' धनखड़ ने हालांकि अपने बयान में किसी देश का नाम नहीं लिया।

'भारत की छवि खराब कर रही कुछ हानिकारक ताकतें'

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में यह चेतावनी भी दी कि कुछ हानिकारक ताकतें भारत की छवि खराब करने की कोशिश में जुटी हैं। उन्होंने ऐसे प्रयासों को बेअसर करने के लिए 'जवाबी हमले' की अपील की। धनखड़ ने कहा कि भारत को दूसरों से मानवाधिकारों पर उपदेश सुनना पसंद नहीं है। ऐसी ताकतें सुनियोजित तरीके से अंतरराष्ट्रीय मंचों का उपयोग कर हमारे मानवाधिकार रिकार्ड पर सवाल उठाती हैं।

इन ताकतों को बेअसर करने की जरूरत है। उन्होंने भुखमरी सूचकांक पर भी निशाना साधा, जिसकी सूची में भारत की रैंकिंग खराब है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सरकार ने जाति और पंथ की परवाह किए बगैर 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया।

एनएचआरसी प्रमुख ने उठाया संदेशखाली मामला

एनएचआरसी की कार्यवाहक अध्यक्ष विजया भारती सयानी ने बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के कथित यौन शोषण के मामले को उठाया। उन्होंने घटनास्थल पर जाकर जांच करने के बाद आयोग द्वारा तैयार रिपोर्ट में इस्तेमाल किए गए कुछ कठोर बयानों का उल्लेख किया। उन्होंने एनएचआरसी के स्थापना दिवस समारोह में संदेशखाली कांड का जिक्र किया।

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