यौन हमले की शिकार वायुसेना अधिकारी का आरोप, शिकायत वापस लेने का बनाया गया दबाव
वायुसेना प्रशासनिक कालेज में यौन हमले का शिकार बनी 28 वर्षीय महिला वायुसेना अधिकारी ने वायुसेना अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें प्रतिबंधित टू फिंगर टेस्ट करने और आरोपित फ्लाइट लेफ्टिनेंट के खिलाफ शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालना शामिल हैं।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 10:16 PM (IST)
कोयंबटूर, प्रेट्र। वायुसेना प्रशासनिक कालेज में यौन हमले का शिकार बनी 28 वर्षीय महिला वायुसेना अधिकारी ने वायुसेना अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें प्रतिबंधित टू फिंगर टेस्ट करने और आरोपित फ्लाइट लेफ्टिनेंट के खिलाफ शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डालना शामिल हैं। कालेज कमांडेंट समेत वायुसेना अधिकारियों द्वारा 10 सितंबर को हुई इस घटना पर 20 सितंबर तक कोई कार्रवाई नहीं करने पर महिला अधिकारी ने महिला पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। इसी एफआइआर में उक्त आरोप लगाए गए हैं।
महिला अधिकारी का यह भी आरोप है कि दुष्कर्म की पुष्टि के लिए वायुसेना अस्पताल में उसका टू फिंगर टेस्ट किया गया जिस पर सुप्रीम कोर्ट कुछ साल पहले प्रतिबंध लगा चुका है। इस मामले में पुलिस ने आरोपित अमितेश हरमुख को 25 सितंबर को गिरफ्तार किया था और वह इस समय न्यायिक हिरासत में है। पीड़िता और आरोपित दोनों छत्तीसगढ़ से हैं और दोनों ने नौ सितंबर की रात आफिसर्स मेस में एक पार्टी में शिरकत की थी। शिकायत में महिला अधिकारी ने कहा है कि पैर में चोट की दवा खाकर वह सो रही थी तभी 10 सितंबर को तड़के आरोपित अधिकारी ने शराब के नशे में उस पर यौन हमला किया था।
महिला आयोग ने वायुसेना को पत्र लिखकर जताई आपत्ति
महिला वायुसेना अधिकारी का वायुसेना के डाक्टरों द्वारा प्रतिबंधित टू फिंगर टेस्ट करने पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने गहरी आपत्ति व्यक्त की है। आयोग ने इसकी निंदा करते हुए इसे पीड़िता के निजता और सम्मान के अधिकार के खिलाफ बताया है। आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने वायुसेना प्रमुख को पत्र लिखकर इस संबंध में जरूरी कदम उठाने और टू फिंगर टेस्ट को अवैज्ञानिक बताने संबंधी सरकार और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की 2014 की गाइडलाइंस के बारे में वायुसेना के डाक्टरों को जरूरी जानकारी प्रदान करने के लिए कहा है।
आरोपित को वायुसेना को सौंपने की मांग
वायुसेना ने अदालत में एक याचिका दाखिल करके कहा है कि स्थानीय पुलिस को उसके अधिकारी को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है। यह सिर्फ डिफेंस कोर्ट का क्षेत्राधिकार है, जहां कोर्ट मार्शल किया जा सकता है। लिहाजा, आरोपित को वायुसेना के हवाले किया जाए।