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पहली बार दिल्ली तक पहुंची नक्सली हिंसा के पीड़ितों की आवाज, जेएनयू में भी नक्सलियों की करतूतों को करेंगे उजागर

छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली हिंसा के पीड़ित लोगों ने पहली बार दिल्ली में अपनी आपबीती सुनाई। नक्सली हिंसा में कोई न कोई अंग गंवा चुके इन लोगों की आपबीती और संघर्ष की कहानी सुनकर गृहमंत्री अमित शाह भावुक हो गए और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। शनिवार को ये पीड़ित राष्ट्रपति से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 20 Sep 2024 05:45 AM (IST)
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छत्तीसगढ़ के नक्सली हिंसा के पीड़ित लोगों ने पहली बार दिल्ली में अपनी आपबीती सुनाई (फोटो-ट्विटर)

 नीलू रंजन, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सली हिंसा के पीड़ित लोगों ने पहली बार दिल्ली में अपनी आपबीती सुनाई। नक्सली हिंसा में कोई न कोई अंग गंवा चुके इन लोगों की आपबीती और संघर्ष की कहानी सुनकर गृहमंत्री अमित शाह भावुक हो गए और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

शनिवार को ये पीड़ित राष्ट्रपति से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे। इसके पहले वामपंथ के गढ़ रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय में भी ये पीड़ित बस्तर में नक्सलियों की करतूतों को उजागर करेंगे। बस्तर शांति समिति के बैनर तले पहली बार नक्सली हिंसा की चपेट में परिवार के सदस्य के खोने और अपाहिज होने वाले लोग अपनी आपबीती सुनाने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं।

सुरक्षा बलों के खिलाफ दुष्प्रचार किया

लगभग 100 पीडि़तों ने गुरूवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के पहले जंतर-मंतर पर आम लोगों के सामने अपनी आपबीती सुनाई। बस्तर शांति समिति से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी तक बस्तर में नक्सली हिंसा को जायज ठहराने के लिए सुरक्षा बलों के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता था।

क्सली हिंसा के शिकार लोगों ने सुनाई आपबीती

नक्सलियों के मुखौटे संगठन सुरक्षा बलों की ज्यादतियों के बारे में मनगढंत कहानियां सुनाते थे। लेकिन नक्सली हिंसा के शिकार बस्तर के आम लोगों का दर्द देश की राजधानी तक नहीं पहुंचता था। पहली बार इन पीडि़तों का दर्द दिल्ली में सर्वोच्च स्तर तक पहुंच रहा है।

राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान नक्सल पीड़ित एक ज्ञापन सोंपेंगे और नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति और विकास पर चर्चा करेंगे। माना जा रहा है कि पीड़ित अपने ज्ञापन में बस्तर में अधिक सुरक्षा बलों की तैनाती, विकास कार्यों की गति बढ़ाने और नक्सली हिंसा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की मांग भी करेंगें।

देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म होगा

ध्यान देने की बात है कि पिछले महीने अमित शाह ने रायपुर में नक्सल प्रभावित राज्यों के पुलिस महानिदेशकों और मुख्य सचिवों के साथ बैठक के बाद 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का ऐलान किया था।