कोर्ट से मिले संरक्षण का आनंद ले रहे हैं वीरभद्र सिंह : हाई कोर्ट
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके वकील की ओर से सुनवाई स्थगित करने की मांग पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Tue, 05 Apr 2016 06:20 AM (IST)
नई दिल्ली । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके वकील की ओर से सुनवाई स्थगित करने की मांग पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सोमवार को न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की पीठ के समक्ष मुख्यमंत्री के वकील कपिल सिब्बल पेश नहीं हो सके।
उनके स्थान पर उनका जूनियर वकील पेश हुआ। वकील ने कहा कि कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में व्यस्त हैं, इसलिए मामले की सुनवाई स्थगित की जाए। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से राहत मिली हुई है। वह उसका आनंद ले रहे हैं और मामले को आगे नहीं ब़़ढाना चाहते हैं। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए पांच अप्रैल की तारीख तय करते हुए साफ कहा कि इस दिन मुख्यमंत्री के वकील कपिल सिब्बल जरूर पेश हों। पढ़ेंः आय से अधिक संपत्ति के मामले में वीरभद्र सिंह पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार इस प्रकार के तर्क पर अब सुनवाई स्थगित नहीं की जाएगी। वीरभद्र पर आरोप है कि वषर्ष 2009--2012 के दौरान जब वह केंद्रीय मंत्री थे तो उन्होंने आय से अधिक 6.03 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की थी। इस मामले में हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने वीरभद्र की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। साथ ही उनसे पूछताछ और मामले में आरोप--पत्र दायर करने पर भी रोक लगाई हुई है। दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश में बदलाव के लिए याचिका दायर की है।
सीबीआई का तर्क है कि इस आदेश से जांच में बाधा आ रही है। उधर, मुख्यमंत्री ने खुद पर दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2015 में मामले को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से दिल्ली हाई कोर्ट स्थानांतरित किया था। सीबीआई ने मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, एलआईसी एजेंट आनंद चौहान और सहयोगी चुन्नी लाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत 23 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। पढ़ेंः केंद्र के निशाने पर अब हिमाचल की सरकार: वीरभद्र सिंह