विश्वास न्यूज ने SKS सीनियर्स किया लॉन्च, वरिष्ठ नागरिकों को सिखाए जाएंगे फेक न्यूज से निपटने के गुर
जागरण न्यू मीडिया की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित और विश्वसनीय फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने लोगों को जागरूक करने के लिए मीडिया लिटरेसी अभियान सच के साथी सीनियर्स की शुरुआत की है। लोगों को जागरूक करने के लिए SKS सीनियर्स जागरण न्यू मीडिया का सातवां प्रयास है। इस अभियान को विश्वास न्यूज ने अकादमिक पार्टनर मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन के साथ लॉन्च किया।
Vishvasnews.com, Google News Initiative, फैक्ट चेकिंग कम्युनिटी और MICA के बीच सहयोग खासकर वरिष्ठ नागरिकों में मीडिया साक्षरता को बढ़ाने के हमारे उद्देश्य को पूरा करता है। इस दौरान हमारा पूरा ध्यान डिजिटल सेफ्टी और फैक्ट चेकिंग पर केंद्रित रहता है। सच के साथी का सातवां प्रयास हमें वरिष्ठ नागरिकों के बीच मीडिया साक्षरता की प्रगति को सामूहिक रूप से प्राथमिकता देने और एक मजबूत आधार तैयार करने में सक्षम करेगा। जागरण न्यू मीडिया में हमारा प्रयास विविधता, समानता और समावेशन के सिद्धांतों का पालन करना रहा है, जो इस महत्वपूर्ण कारण के प्रति हमारे समर्पण को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है जिसका लक्ष्य है कि यह अभियान टारगेट ऑडियंस तक पहुंचे। इस दौरान अभियान के विभिन्न चरणों को चेक भी किया जाएगा ताकि यह पता चल सके कि समाज में यह कितना कारगर है।गूगल न्यूज लैब की भारत प्रमुख सुरभि मलिक ने कहा,हम सच के साथी का नया अध्याय लिखने को लेकर उत्साहित हैं। हमने देखा है कि वरिष्ठ नागरिकों के सामने सीमित मीडिया साक्षरता और फैक्ट चेकिंग स्किल का अभाव होता है, इसी को दूर करने के लिए हमने उन्नत दृष्टिकोण अपनाया है। हमारा मुख्य फोकस वरिष्ठ नागरिकों को फैक्ट चेकिंग कम्युनिटी और अकादमिक पार्टनर MICA द्वारा किए गए विभिन्न ट्रेनिंग सेशन के जरिए डिजिटल सेफ्टी और भ्रामक सूचनाओं के बारे में जागरूक करने वाले अहम टूल्स पर है।
मीडिया और मनोरंजन प्रबंधन क्षेत्र के प्रमुख और सेंटर फॉर मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्टडीज (सीएमईएस) के एसोसिएट प्रोफेसर संतोष के पात्रा ने कहा कि विश्वास न्यूज के डिजिटल मीडिया साक्षरता अभियान SKS सीनियर्स के अकादमिक भागीदार के रूप में हम भ्रामक सूचनाओं को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने के अवसर के रूप में देखते हैं। हमने इंटरैक्टिव और लोगों को ध्यान में रखकर एक लर्निंग कोर्स तैयार किया है, जो न केवल जानकारी प्रदान करता है, बल्कि फेक न्यूज, भ्रामक सूचनाओं और दुष्प्रचार की चुनौतियों से निपटने के लिए अहम समझ को विकसित करता है सच के साथी को 2019 में विश्वास न्यूज.कॉम और जागरण न्यू मीडिया द्वारा भ्रामक सूचनाओं और दुष्प्रचार के प्रसार से निपटने के अभियान के साथ लॉन्च किया गया था। SKS ने 2023 में वान-इफ़्रा का सर्वश्रेष्ठ ट्रस्ट इनिशिएटिव सिल्वर अवॉर्ड और बेस्ट कंटेंट कैंपेन के लिए IAMAI का 2022 का कांस्य पदक विजेता था।पिछले छह अभियानों में हेल्थ फैक्ट चेक, बिहार चुनाव, वैक्सीन के लिए हां, विधानसभा चुनाव 2022, फैक्ट्सअप जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई थी। पिछले कुछ सालों में सच के साथी ने भ्रामक सूचनाओं और फेक न्यूज के सामाजिक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ बड़े स्तर पर भ्रामक सूचनाओं की पहचान करने के लिए जरूरी टूल्स और ट्रेनिंग दी है।सच के साथी सीनियर्स एक बेहद अहम सहयोगी मीडिया साक्षरता अभियान है, जो वरिष्ठ नागरिकों की समझ को बढ़ाकर सशक्त करेगा। साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को भ्रामक सूचनाओं और डीपफेक का पता लगाने और उससे निपटने में कारगर होगा। भ्रामक सूचना और दुष्प्रचार एक गंभीर समस्या है, जो कि विश्वसनीय और आधिकारिक सूचनाओं के प्रवाह को रोकती है। चुनाव के समय में ऐसी समस्या का काफी सामना करना पड़ता है। हमें इस अभियान का समर्थन करने पर गर्व है, जो ट्रेनिंग लेने वाले लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध जानकारी की विश्वसनीयता का बेहतर आकलन करने में मदद करेगा।