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जहां मां पार्वती ने शिव के लिए एक पैर पर किया था तप, वहां पीएम मोदी करेंगे ध्यान; जानिए क्यों प्रसिद्ध है रॉक मेमोरियल

Vivekananda Rock Memorial प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी में उसी स्थान पर ध्यान लगाएंगे जहां देशभर का दौरा करने के बाद स्वामी विवेकानंद ने तीन तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान का नाम स्वामी विवेकानंद की याद में ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल रखा गया है। यह भारत का सुदुर दक्षिण का हिस्सा है जहां पर कि पूर्वी व पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 30 May 2024 09:12 AM (IST)
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पीएम मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे।(फोटो सोर्स: एएनआई)
पीटीआई, कन्याकुमारी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को अंतिम चरण का चुनाव प्रचार थमने के बाद कन्याकुमारी के प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल में दो दिन ध्यान लगाएंगे।यहां करीब 45 घंटे के उनके प्रवास के लिए सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं। 2,000 पुलिसकर्मियों के अलावा विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां कड़ी निगरानी  रखेंगी। 

इससे पहले 2019 में चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद  पीएम मोदी ने केदारनाथ की गुफा में ध्यान लगाया था।

(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

विवेकानंद रॉक मेमोरियल में पीएम मोदी लगाएंगे ध्यान

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी में उसी स्थान पर ध्यान लगाएंगे जहां देशभर का दौरा करने के बाद स्वामी विवेकानंद ने तीन दिनों तक ध्यान लगाया था और विकसित भारत का सपना देखा था। इस स्थान का नाम स्वामी विवेकानंद की याद में ही विवेकानंद रॉक मेमोरियल रखा गया है। यह भारत का सुदुर दक्षिण का हिस्सा है, जहां पर कि पूर्वी व पश्चिमी घाट आपस में मिलते हैं।

यह स्थल हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी का भी मिलन स्थल है। देखने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी चुनाव प्रचार के दौरान 2047 तक विकसित भारत का निर्माण प्रमुख मुद्दा बनाया है। भाजपा नेताओं ने बताया कि मोदी आध्यात्मिक प्रवास के लिए 30 मई को दोपहर बाद कन्याकुमारी पहुंचेंगे। इसके बाद वे विवेकानंद रॉक मेमोरियल जाएंगे।

(फोटो सोर्स: एएनआई)

विवेकानंद के लिए 'सारनाथ' थे ये चट्टान 

वैसे इस जगह का एक धार्मिक महत्व भी है। देवी पार्वती ने इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव का इंतजार किया था। दरअसल विवेकानंद रॉक मेमोरियल का स्थान स्वामी विवेकानंद के जीवन में सबसे अहम माना जाता है। जिस तरह से गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था । उसी तरह पूरे देश का भ्रमण करने के बाद स्वामी विवेकानंद के ध्यान में भारत माता का विकसित स्वरूप सामने आया था।

उसी स्थान पर दो दिन के ध्यान से स्वामी विवेकानंद के विकसित भारत के सपने को साकार करने के प्रति प्रधानमंत्री अपनी प्रतिबद्धता का संदेश देने का प्रयास करेंगे।

अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकते हैं पीएम मोदी

मोदी 30 मई की शाम से एक जून की शाम तक ध्यान मंडपम में ध्यान लगाएंगे। प्रधानमंत्री यहां प्रसिद्ध श्री भगवती अम्मन मंदिर में भी पूजा-अर्चना कर सकते हैं। एक जून शाम को यहां से रवाना होने से पहले मोदी संभवत: तमिल कवि तिरुवल्लुवर की 133 फीट ऊंची प्रतिमा देखने भी जाएंगे।

इस बीच मोदी के दौरे से पहले सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। तिरुनेलवेली रेंज के डीआइजी प्रवेश कुमार ने आला अधिकारियों के साथ बुधवार को कन्याकुमारी में राक मेमोरियल, बोट जेटी, हेलीपैड और राज्य अतिथि गृह में सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री की मुख्य सुरक्षा टीम के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के साथ ही हेलीपैड पर हेलीकाप्टर उतारने का ट्रायल भी किया गया।

पीएम मोदी के आध्यात्मिक प्रवास पर डीएमके ने उठाए सवाल

इस बीच तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने प्रधानमंत्री के आध्यात्मिक प्रवास के खिलाफ जिला कलेक्टर के पास याचिका दायर की है। इसमें उसने चुनाव आचार संहिता लागू होने और पर्यटन सीजन का हवाला दिया है कि इस दौरान घरेलू और विदेशी पर्यटकों की अच्छी खासी तादाद यहां आती है।

देश के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित कन्याकुमारी में गुरुवार से शनिवार तक समुद्र तट पर्यटकों के लिए बंद रहेगा और निजी नौकाओं को भी चलने की अनुमति नहीं होगी। उधर, सूत्रों ने बुधवार को बताया कि चुनावी कानून के तहत प्रधानमंत्री के चुनाव के दौरान ध्यान यात्रा करने पर कोई रोक नहीं है।

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