पुतिन व जेलेंस्की को भरोसा कि मोदी फिर बनेंगे पीएम, दोनों राष्ट्रपतियों ने चुनाव बाद आने का दिया न्योता
पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बात की तो दोनों नेताओं ने मोदी को चुनाव बाद अपने अपने देश की यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित किया। राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच इस बात की सहमति बनी की कि वह भारत व रूस के विशेष रणनीतिक रिश्ते को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाएंगे।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा। इनके बीच शांति स्थापित करने की हर कोशिश नाकाम हो रही है, लेकिन दोनों देशों के राष्ट्रपति कम से कम इस बात पर राजी हैं कि भारत में होने वाले आगामी चुनाव में पीएम नरेन्द्र मोदी एक बार फिर विजयी होंगे और वह चुनाव बाद नई सरकार बनाने में सफल होंगे। तभी बुधवार को जब पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमीर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बात की, तो दोनों नेताओं ने मोदी को चुनाव बाद अपने अपने देश की यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित किया।
पुतिन इसी रविवार को हुए चुनाव में विजयी हुए हैं और छह वर्षों के लिए फिर से रूस के राष्ट्रपति बने हैं। पीएम मोदी ने एक ही दिन में रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात करके यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह वैश्विक मंच पर अपनी अलग व स्वतंत्र कूटनीति को लेकर प्रतिबद्ध है। एक तरफ अमेरिका व यूरोपीय देशों के विरोध के बावजूद रूस के साथ संपर्क में हैं, जबकि रूस के विरोध के बावजूद यूक्रेन के साथ संपर्क कायम रखे हुए है और उसे मदद भी भेजता रहा है।
पुतिन और PM मोदी के बीच बनी सहमति
राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी के बीच इस बात की सहमति बनी की कि वह भारत व रूस के विशेष रणनीतिक रिश्ते को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाएंगे। साथ ही दोनों नेताओं ने मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों के विभिन्न आयामों की भी समीक्षा की, क्षेत्रीय व वैश्विक हालातों पर भी चर्चा हुई। यूक्रेन-रूस युद्ध पर पीएम मोदी ने भारत के पुराने रूख को दोहराया कि इस विवाद का समाधान कूटनीति व वार्ता से ही हो सकती है।यह भी पढ़ें: पुतिन के बाद PM मोदी ने जेलेंस्की से की बात, यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर भारत पुराने रूख पर कायम
विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को चुनाव में विजयी होने पर बधाई दी और रूस की जनता के लिए शांति, प्रगति व संपन्नता की कामना की। दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी की रूस व भारत की मौजूदा रिश्तों को और ज्यादा प्रगाढ़ किया जाएगा। रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए दोनों नेता आने वाले वर्षों में ज्यादा से ज्यादा प्रयास करेंगे। दोनों नेताओं ने आगे भी संवाद जारी रखने की बात कही है। जेलेंस्की से हुई वार्ता के बाद मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है,
मौजूदा विवाद को शीघ्रता से खत्म करने और शांति स्थापित करने में भारत की हरसंभव मदद दने की मंशा जताई है। भारत मानवीय आधार पर मदद देने की नीति जारी रखेगा।
यूक्रेन के विदेश मंत्री आएंगे भारत
सनद रहे कि भारत रूस और यूक्रेन के बीच लगातार सामंजस्य बनाने की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। पिछले वर्ष जापान में जी-7 संगठन की शीर्षस्तरीय बैठक के दौरान पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच उच्चस्तरीय वार्ता भी हुई थी। अभी यह खबर है कि यूक्रेन के विदेश मंत्री दीमेत्रो कुलेबा भारत की यात्रा पर इसी महीने आने वाले हैं। अगले दो महीनों के भीतर स्विटजरलैंड में यूक्रेन-रूस विवाद के समाधान को लेकर एक बैठक होने वाली है जिसमें भारत भी हिस्सा लेगा। यूक्रेन इसके लिए भारत की मदद चाहता है।
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने फोन पर की यूक्रेन को लेकर चर्चाइस दौरान भारत-यूक्रेन की सरकारों के बीच गठित आयोग की बैठक भी होगी जिसकी अध्यक्षता दोनों देशों के विदेश मंत्री करेंगे। कुलेबा की द्विपक्षीय बैठक विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी होगी। यह भी बताते चलें कि पिछले हफ्ते ही राष्ट्रपति जेलेंस्की के कार्यालय के प्रमुख एंद्री येर्माक ने एनएसए अजीत डोभाल से भी बात की थी।