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Battle of Alaboi की जगह बनेगा असम में एक वार मेमोरियल, 100 फीट ऊंची तलवार होगी इसका केंद्र

असम में Battle of Alaboi की जगह अब एक वार मेमोरियल बनाया जाएगा। इसका थ्री डी माडल हाल ही में सीएम ने लान्‍च किया है। ये जंग मुगलों और अहोम आर्मी के बीच लड़ी गई थी जिसमें मुगलों की जीत हुई थी।

By Jagran NewsEdited By: Kamal VermaUpdated: Fri, 25 Nov 2022 12:00 PM (IST)
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अहोम आर्मी के जवानों को समर्पित होगा असम का वार मेमोरियल

असम (एजेंसी)। असम के Alaboi में राज्‍य सरकार एक वार मेमोरियल बनाएगी। ये मेमोरियल 17वीं शताब्‍दी में असम के Alaboi में लड़ी गई जंग में शहीद हुए जवानों को समर्पित होगा। इस मेमोरियल का सबसे बड़ा एट्रेक्‍शन होगी यहां पर लगी 100 फीट ऊंची तलवार, जिसको Hengang या Ahom Sword के नाम से जाना जाता है। असम सरकार ने अहोम सेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दिए जाने के मकसद से ये कदम उठाया है। इसमें से एक मेमोरियल असम के गुहावटी में तो दूसरा जोरहट में बनाया जाएगा। बता दें कि ये जंग मुगलों और राज्‍य की अहोम सेना के बीच लड़ी गई थी। राज्‍य सरकार के मुताबिक इस वार मेमोरियल को बनाने में करीब 150 करोड़ की लागत आएगी।

थ्री डी माडल रिलीज 

राज्‍य सरकार ने इस मेमोरियल के निर्माण से पहले इसका एक थ्री डी माडल रिलीज किया है। इसको राज्‍य के सीएम ने हिमंंत बिश्व शर्मा ने सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है। सीएम शर्मा ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है, जिसमें लिखा गया है कि अलबोई रणक्षेत्र को कामरूप जिले में 150 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। ये मेमोरियल 75 बीघा जमीन पर बनेगा। इसके बीच में 100 फीट ऊंची तलवार होगी। ये मेमोरियल उन दस हजार अहोम सैनिकों के नाम समर्पित होगा जिन्‍होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहूति दी थी। अपने ट्वीट में भी उन्‍होंने इस थ्री डी माडल मो शेयर किया है।

अलबोई की लड़ाई  

अलबोई की लड़ाई मुगलों और अहोम शासक के बीच 5 अगस्‍त 1669 में लड़ी गई थी। इस लड़ाई में मुगलों की जीत हुई थी और दस हजार अहोम सैनिक मारे गए थे। इसका एक दूसरा मेमोरियल जोरहट में बनेगा जो अहोम जनरल Lachit Barphukan को समर्पित होगा। इस पर करीब 120 करोड़ की लागत आएगी। 1671 में सराईघाट में मुगलों के खिलाफ लड़ी गइ्र जंग में Lachit Barphukan अहोम आर्मी के कमांडर इन चीफ थे। उन्‍होंने मुगलों की सेना से अपनी अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी थी और अपने जीते जी मुगलों को आगे नहीं बढ़ने दिया था। Lachit Barphukan का नाम भारत के उन महावीरों में शुमार किया जाता है जो दुश्‍मन के सामने कभी नहीं झुके और जिन्‍होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों को न्‍यौछावर कर दिया था।

अहोम जनरल का जन्‍मदिन 

इस अहोम जनरल के 400 वें जन्‍मदिवस के मौके सैकड़ों पुरुष और महिलाओं ने जुलूस निकालकर उन्‍हें याद किया और उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान राज्‍य भर में कई समारोह आयोजित किए गए। दिल्‍ली के विज्ञान भवन में भी एक आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिस्‍सा लिया था। इस मौके पर उन्‍होंने एक प्रदर्शन का भी उद्घाटन किया था।  

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