Water Crisis: क्या मुफ्त पानी पर नकेल कसेगा केंद्र? जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने दिया सूरत नगर निगम का ये उदाहरण
नए जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि पानी के मामले में संतोषजनक स्तर तक पहुंचने के लिए अभी बहुत काम करना होगा। उन्होंने कहा कि पानी का मामला बहुत जटिल है। इसमें राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक पहलू हैं। दिल्ली सरीखे राज्य मुफ्त पानी देते हैं और इसका गुणगान करते हैं जबकि यह पानी खुद उन्हें मुफ्त मिल रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पानी की कमी से जूझ रहे 151 जिलों पर अधिक फोकस के साथ वर्षा जल संरक्षण के लिए इस साल का 'कैच द रेन अभियान' की जल शक्ति मंत्रालय ने सोमवार को शुरुआत कर दी। इस बार के अभियान की थीम जल शक्ति से नारी शक्ति है यानी महिलाएं इस पहल के केंद्र में होंगी। नए जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने इस अवसर पर कहा कि पानी के मामले में संतोषजनक स्तर तक पहुंचने के लिए अभी बहुत काम करना होगा।
पानी का मामला है बहुत जटिलः पाटिल
पाटिल के अनुसार, पानी का मामला बहुत जटिल है। इसमें राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक पहलू हैं। दिल्ली सरीखे राज्य मुफ्त पानी देते हैं और इसका गुणगान करते हैं, जबकि यह पानी खुद उन्हें मुफ्त मिल रहा है।
सूरत नगर निगम से सीखने की जरूरत
पाटिल ने सूरत नगर निगम का उदाहरण देते हुए कहा कि उससे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। उसने पचास साल की योजना बनाई है औऱ पानी का न्यूनतम मूल्य भी तय किया है। यह सभी को देना होता है। हम सब भी यह कर सकते हैं। पाटिल ने कहा कि जल से नल के लिए चलाई जा रही योजना जल जीवन मिशन पर बहुत काम हुआ है, लेकिन अभी भी सौ प्रतिशत घरों में नल से जल के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। यह बातें ठीक नहीं हैं कि नल तो लग गए, लेकिन उनमें पानी नहीं आ रहा है।151 जिलों का किया गया चिन्हित
कैच द रेन अभियान के लिए इस बार जल संकट से जूझ रहे जिन 151 जिलों को खास तौर पर चयनित किया गया है, उनमें केवल 37 ऐसे हैं हैं जो पिछली बार भी इस तरह की सूची में थे। पाटिल ने इसे उत्साह बढ़ाने वाली बात माना कि 114 जिलों की स्थिति सुधरी है।