Wayanad Landslide: 8वीं की छात्रा ने एक साल पहले ही कर दी थी भविष्यवाणी! भयंकर त्रासदी ने पिता को छीना
केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन की भविष्यवाणी एक साल पहले ही एक 8वीं की छात्रा ने कर दी थी। अपनी स्कूल पत्रिका के लिए एक कहानी लिखी थी जिसमें उसने कहा था कि अगर राज्य में बारिश हुई तो भूस्खलन से झरना प्रभावित होगा और इसका पानी अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने अंदर निगल लेगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन की भविष्यवाणी एक साल पहले ही एक छात्रा ने कर दी थी। इस हादसे में अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। छात्रा ने भविष्यवाणी में कहा था कि राज्य में अगर बारिश हुई तो भूस्खलन से बड़ी त्रासदी होगी, जिसमें कई लोग मारे जाएंगे।
एक साल बाद सच हुई छात्रा की भविष्यवाणी
दरअसल, केरल की एक आठवी कक्षा की छात्रा ने अपनी स्कूल पत्रिका के लिए एक कहानी लिखी थी, जिसमें उसने कहा था कि अगर राज्य में बारिश हुई तो भूस्खलन से झरना प्रभावित होगा और इसका पानी अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने अंदर निगल लेगा, जिसमें मानव भी शामिल होंगे। छात्रा द्वारा लिखी गई यह कहानी एक साल बाद सच हो गई है। विनाशकारी भूस्खलन ने उनके शहर चूरामला को तहस-नहस कर दिया है।
छात्रा के पिता की भी हुई मौत
एनडीटीवी ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि वायनाड जिले में आए विनाशकारी भूस्खलन ने उसके शहर चूरामला को तहस-नहस कर दिया है। इस हादसे में उसका स्कूल क्षतिग्रस्त हो गया है और पूरी तरह मलबे में तबदील हो गया है। छात्रा ने इस त्रासदी में अपने पिता को भी खो दिया है।बच्ची ने लिखी थी मार्मिक कहानी
अपनी स्कूल पत्रिका वेल्लारम कल्लुकल के लिए लिखे मार्मिक कहानी में छात्रा लाया ने एक लड़की के बारे में कहानी लिखी जो झरने में डूब जाती है। हालांकि, मरने के बाद वह एक चिड़िया के रूप में वापस आ जाती है और अपने दो दोस्तों को भविष्य में आने वाले खतरे को लेकर सचेत करती है।
कहानी में उसकी दो दोस्त अपने माता-पिता को बिना बताए ही झरना देखने पहुंच जाती है। इस दौरान चिड़िया उन दोनों लड़कियों के पास आती है और उन्हें कहती है कि यहां खतरा आने वाला है। वह उन दोनों को यहां से चले जाने के लिए भी कहती है। पक्षी के कहे मुताबिक, दोनों वहां से चले जाते हैं और पीछे जब देखते हैं तो भयानक त्रासदी का मंजर दिख रहा होता है और बारिश का पानी पहाड़ी से नीचे गिर रहा होता है।