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'केवल चार देशों के पास है एडवांस अलर्ट सिस्टम', वायनाड भूस्खलन आपदा पर बोले अमित शाह- एक हफ्ते पहले दी थी राज्य सरकार को चेतावनी

Wayanad Landslide गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में वायनाड भूस्खलन आपदा को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने एक हफ्ते पहले ही केरल सरकार को संभावित आपदा के बारे में अलर्ट किया था लेकिन राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। साथ ही गृह मंत्री ने बताया कि भारत के पास आपदाओं से बचने के लिए एडवांस अलर्ट सिस्टम है जोकि दुनिया में केवल चार देशों के पास ही।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 31 Jul 2024 08:00 PM (IST)
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अमित शाह ने कहा कि पूर्व में कई राज्यों ने वार्निंग का फायदा उठाकर जानें बचाई हैं। (Photo- ANI)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केरल में भू-स्खलन से हुई तबाही और मौतों के लिए केंद्र पर तोहमत थोपने वाले विपक्षी दलों व सदस्यों को तब मुंहकी खानी पड़ी, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया कि केरल को एक सप्ताह पहले ही एक नहीं तीन बार बार चेतावनी भेजी गई कि वहां भारी बारिश हो सकती है और यह तक बता दिया गया भूस्खलन भी हो सकता है और लोगों की जान भी जा सकती है।

अमित शाह ने कहा कि केंद्र की ओर से एनडीआरएफ की टीम भी भेज दी गई, लेकिन राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से केंद्र सरकार ने आपदा की अर्ली वार्निंग के लिए बहुत विकसित व्यवस्था तैयार की है, जो गिने चुने देशों के पास है। पूर्व में कई राज्यों ने वार्निंग का फायदा उठाकर जानें बचाई भी हैं, लेकिन केरल में जो हुआ वह दुखद है।

अमित शाह ने दिया आरोपों का जवाब

मंगलवार को शाह ने दोनों सदनों में अपना बयान दिया। दरअसल कई सदस्यों की ओर से आरोप लगाया जा रहा था कि केंद्र ने राज्य को चेतावनी क्यों नहीं भेजी थी। शाह ने कहा कि 26 जुलाई को भेजी गई चेतावनी साफ कहा गया था कि केरल में 20 सेंटीमीटर से ज्यादा वर्षा होगी और इससे भूस्खलन होने की भी आशंका है। इसमें मलबा बहकर आ सकता है और उसमें दबकर लोग मर भी सकते हैं। इतने स्पष्ट वार्निंग के बावजूद केरल की सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।

सिर्फ चार देशों के पास है प्रणाली: अमित शाह

शाह ने बताया कि अर्ली वार्निंग देने वाले दुनिया में सिर्फ चार देश है, जिनमें भारत एक है। इसमें भारी वर्षा, तेज गर्मी, तूफान और चक्रवात के लिए दी जाती है। यहां तक कि बिजली गिरने की घटना के लिए अर्ली वार्निंग का सिस्टम है, जो दो घंटे पहले जिलाधिकारी को अक्षांश-देशांतर रेखा के साथ अलर्ट करती है। पूर्व में सात दिन पहले ओडिशा को चक्रवात का अलर्ट भेजा गया था, जिस पर तत्कालीन नवीन पटनायक की सरकार ने काम किया और सिर्फ एक व्यक्ति की मौत, वो भी गलती से हुई।

केरल सरकार को दिया सहयोग का भरोसा

उन्होंने बताया कि इसी तरह से गुजरात सरकार को तीन दिन पहले चक्रवात का अलर्ट भेजा और वहां एक पशु भी नहीं मरा। सभी राज्यों को जानकारी भेजी जाती है, लेकिन कोई काम ही न करे तो केंद्र क्या कर सकता है। हालांकि अमित शाह ने दोहराया कि भारत सरकार केरल की जनता और केरल की सरकार के साथ डटकर खड़ी है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के राज्यों को राहत आपदा कोष से खर्च करने का अधिकार नहीं होने के आरोपों को भी अमित शाह ने गलत बताया।

एसडीआरएफ फंड से जुड़े आरोपों को बताया गलत

उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ से कोई भी राज्य 10 फीसद अपने अनुसार खर्च कर सकता है। बाकी 90 फीसद खर्च उसे आपदा राहत कोष की गाइडलाइंस के अनुरूप करना होता है, लेकिन इतनी निगरानी तो रखनी पड़ेगी कि आपदा के पैसे कहीं और खर्च नहीं हो सकते हैं। इसी तरह से पश्चिम बंगाल को आपदा राहत कोष से धन नहीं मिलने के आरोपों को भी उन्होंने खारिज कर दिया।

गृह मंत्री ने कहा कि 2014 से 2024 के बीच पश्चिम बंगाल को आपदा राहत के लिए 6244 करोड़ रुपये मंजूर किये गए हैं। लेकिन जैसे-जैसे खर्च का हिसाब आता है, वैसे-वैसे पैसे रिलीज होते हैं। इसमें से 4619 करोड़ रुपये रिलीज किया जा चुका है। लेकिन वहां समस्या हिसाब का है। उन्होंने साफ किया कि फंड रिलीज तय नियमों के अनुरूप ही हो सकता है और इसके लिए राज्य को हिसाब तो देना ही पड़ेगा।