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सेना व बचाव दल युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। इस प्राकृतिक आपदा की विभीषिका का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के क्षत-विक्षत अंग मिल रहे हैं।
चारों तरफ सिर्फ बर्बादी का मंजर
त्रासदी में मारे गए लोगों की सही संख्या का पता लगाना अभी बड़ा मुश्किल है। प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे रहने वाले इस पहाड़ी क्षेत्र में अब चारों तरफ दिख रहा है तो सिर्फ और सिर्फ बर्बादी का मंजर। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने केरल के सीएम पी: विजयन से बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
सो रह थे लोग... दरवाजे पर आ गई मौत
भूस्खलन प्रभावित इलाकों में वायनाड के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं। मंगलवार की अल सुबह पहाड़ी दरकने की घटनाएं उस समय हुई जबकि लोग गहरी नींद में थे। पहला भूस्खलन देर रात करीब दो बजे हुआ और उसके बाद तड़के साढ़े चार बजे अगला भूस्खलन हुआ।
फंसे लोगों को बचाने में जुटी टीम
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण काफी संख्या में मकान नष्ट हो गए, जलाशयों में पानी भर गया और पेड़ उखड़ गए। भारतीय सेना समेत बचाव दल फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के अलावा राज्य सरकार ने भी प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और अग्निशमन बल से आपदा प्रतिक्रिया दल तैनात किए हैं।
केंद्रीय मंत्री भी वायनाड के लिए रवाना
वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी बचाव व राहत कार्य में जुटे हैं। उधर, केंद्रीय राज्य मंत्री जार्ज कुरियन राहत और बचाव अभियान का नेतृत्व करने के लिए वायनाड पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर मंत्री अभियान में राष्ट्रीय आपदा राहत बल के कर्मियों, अर्धसैनिक बलों, केरल सरकार के अधिकारियों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करेंगे।
मेरठ से भेजे गए प्रशिक्षित कुत्ते
राहत एवं बचाव कार्य के लिए मेरठ से सेना की विशिष्ट श्वान इकाई के विशेषज्ञ प्रशिक्षित कुत्ते भी वायनाड के लिए रवाना हो चुके हैं। ये कुत्ते मानव अवशेषों और यहां तक कि मिट्टी के नीचे दबे लोगों की सांसों की हल्की सी गंध को भी सूंघ सकते हैं। ध्वस्त हो चुके घरों और मलबे के ढेर के नीचे फंसे लोगों द्वारा मदद की गुहार लगाने के लिए किए जा रहे फोन प्राकृतिक आपदा की भयावह तस्वीर को बयां कर रहे हैं।
घरों में फंसे लोग
रोते हुए लोगों द्वारा खुद की जान बचाने की गुहार लगाए जाने की वीडियो और तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर भी चलीं। आपदा प्रभावित लोग या तो अपने घरों में फंसे हुए थे या बाढ़ और बह गए पुलों के कारण उनके पास आने-जाने का कोई रास्ता नहीं था। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि उत्तरी वायनाड जिले में हुए भीषण भूस्खलन में 123 लोगों की मौत हो गई और करीब 128 लोग घायल हुए हैं।
मलबे में अब भी सैकड़ों लोग फंसे
मुख्यमंत्री के मुताबिक भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोग मलबे में फंस गए और कई लोग बह गए। सूत्रों ने बताया कि मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। भूस्खलन में घायल हुए कई लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों के शवों को पहचान और पोस्टमार्टम के लिए विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है।
बुधवार को वायनाड जाएंगे राहुल व प्रियंका
अस्पतालों परिसरों में भी भारी मारामारी रही। लोग अपनों को तलाशते नजर आए। उधर, कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा बुधवार सुबह भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा करेंगे।
हाथ से हाथ पकड़ बनाई चेन ताकि बह न जाएं
विभिन्न गांवों में बचाव अभियान जारी रहने के बीच भूस्खलन के कारण पुल बहने के बाद अस्थायी पुल बनाकर लोगों को खासतौर से बुजुर्ग पुरुषों और महिलाओं को बचाते हुए देखा गया। कुछ जगहों पर लोग एक दूसरे को पूरी ताकत से पकड़े नजर आए ताकि बाढ़ के पानी के तेज बहाव में वे बह न सकें।
चट्टान से चिपक जिंदगी के लिए जिद्दोजहद करता दिखा शख्स
एक दिल दहला देने वाले दृश्य में मुंडक्कई गांव में कीचड़ में लथपथ एक व्यक्ति बाढ़ के पानी में एक विशाल चट्टान से चिपके हुए जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहा था जबकि असहाय स्थानीय लोग केवल उसकी पीड़ा देख सकते थे और उसकी मदद करने में असमर्थ थे। वे अधिकारियों से उसे तुरंत बचाने की गुहार लगा रहे थे। आशंका है कि यह व्यक्ति बाढ़ के पानी में बहते हुए आया और बड़े-बड़े पत्थरों के बीच फंस गया।
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