Wayanad Landslide: भूस्खलन पर वैज्ञानिक रख सकते हैं अपनी राय, केरल सरकार ने बदला पुराना फैसला
Wayanad Landslide वायनाड में भूस्खलन की वजह से अब तक 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इसी बीच गुरुवार को केरल सरकार ने आदेश जारी किया था कि आपदा पर वैज्ञानिक कोई टिप्पणी न करें जिसकी वजह से लोगों में भ्रम पैदा होगा। हालांकि केरल सरकार ने अपने फैसले को वापस ले लिया है। इस मामले पर राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल सरकार ने गुरुवार को राज्य के वैज्ञानिक समुदाय से अनुरोध किया था कि वे वायनाड भूस्खलन पर अपनी राय और अध्ययन रिपोर्ट मीडिया के साथ साझा न करें।
राज्य राहत आयुक्त और आपदा प्रबंधन के प्रमुख सचिव टीकू बिस्वाल ने एक आदेश में केरल के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को वायनाड में मेप्पाडी पंचायत का दौरा न करने का निर्देश दिया, जिसे आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया गया है।
राज्य और अन्य जगहों के वैज्ञानिकों ने इस आपदा के लिए वन क्षेत्र में कमी, नाजुक इलाके में खनन और जलवायु परिवर्तन के घातक मिश्रण को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि कुछ देर बाद ही केरल सरकार ने अपना ये आदेश वापस ले लिया है।
राज्य सरकार का ध्यान राहत-बचाव कार्य पर: केरल सरकार
राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा, इस फैसले के पीछे वैज्ञानिक संस्थानों से संबंधित व्यक्तियों को हतोत्साहित करना नहीं था। यह जरूरी है कि मौसम परिवर्तन और मौजूद परिस्थितियों पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए वैज्ञानिकों की जरूरत है। लेकिन, इस समय सरकार का पूरा ध्यान राहत-बचाव कार्य पर है। यह महत्वपूर्ण है कि बचाव राहत और पुनर्वास पर तत्काल ध्यान न खोया जाए और राज्य सरकार के बयानों या राय की गलत व्याख्या की जाए।
केरल के भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार तक वायनाड जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। IMD केरल की निदेशक नीता के गोपाल ने कहा कि शनिवार को बारिश की आशंका है। हमने वायनाड सहित केरल के 4 उत्तरी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दक्षिण में पठानमथिट्टा तक, हमने येलो अलर्ट भी जारी किया है।
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