वायनाड में दो दिन बाद भी जारी है मलबे से शवों की तलाश, 1600 से अधिक जवान लगा रहे जान की बाजी; पढ़ें पूरा अपडेट
Wayanad Landslide वायनाड में भूस्खलन से आई त्रासदी इतनी भीषण है कि घटना के दो दिन बाद भी अब तक सभी शव निकाले नहीं जा सके हैं। वहां 1600 से अधिक कर्मियों की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है। इस बीच मौत का आंकड़ा 270 पार कर गया है एवं अभी इसके और बढ़ने की आशंका है। करीब 200 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
पीटीआई, वायनाड। केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के भारी बारिश के बाद बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के दो दिन बाद भी मलबे में फंसे जीवित लोगों की तलाश के लिए बचाव दल कठिन परिस्थितियों में भी शिद्दत से जुटे हैं। सेना, नौसेना, एनडीआरएफ समेत बचाव दलों के 1,600 से अधिक कर्मी राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।
इसमें अलावा करीब 3,000 स्थानीय नागरिक भी उनकी मदद कर रहे हैं। अब तक 177 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि लगभग 200 लोग अभी भी लापता हैं। मृतक संख्या अभी और बढ़ने की आशंका है। उधर, कुछ अपुष्ट रिपोर्टों में 276 लोगों की मौत होने की बात कही गई है। इस भूस्खलन में वायनाड के चार गांव मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा पूरी तरह तबाह हो गए थे।
अभी भी मलबों में दबे हैं शव
वायनाड जिले के अधिकारियों ने कहा है कि भूस्खलन में मारे गए लोगों में 25 बच्चे और 70 महिलाएं शामिल हैं और 200 से अधिक अन्य घायल हुए हैं। इनमें से ज्यादातर सबसे ज्यादा प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों के हैं। राहत कार्यों में सड़कें और पुल ध्वस्त होने और भारी उपकरणों की कमी के कारण बाधा भी आ रही है। इसके चलते बचाव कर्मियों के लिए मलबा और बड़े-बड़े उखड़े हुए पेड़ों को हटाना मुश्किल हो रहा है।पेड़ घरों और अन्य इमारतों पर गिर गए हैं, जिससे इमारतें पूरी तरह ढह गई हैं। मुंडक्कई में राहत कार्य में जुटे एक दल ने कहा, 'हम एक इमारत की छत पर खड़े हैं और नीचे से बदबू आ रही है, जो शवों की मौजूदगी का संकेत दे रही है। इमारत पूरी तरह से कीचड़ और उखड़े हुए पेड़ों से ढकी हुई है।' उधर, मुख्यमंत्री पी. विजयन और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अन्य नेताओं ने आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनके प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।
राहुल गांधी ने किया दौरा
राहुल ने कहा कि यह आपदा वायनाड, केरल और राष्ट्र के लिए एक भयानक त्रासदी है। हम यहां हालात देखने आए हैं। यह देखना काफी दर्दनाक अनुभव है कि लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों और घरों को खो दिया है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि बचे हुए लोगों को उनका हक मिले। उधर, सीएम विजयन ने यहां एक सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता प्राकृतिक आपदा के पीड़ितों को बचाना है।उन्होंने कहा कि सेना द्वारा चूरलमाला और मुंडक्कई के बीच बनाए जा रहे बेली ब्रिज के पूरा होने के साथ ही बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाए जा सकेंगे। आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्यों का समन्वय कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री के राजन ने कहा कि कुछ शव बहकर मलप्पुरम जिले में पहुंच गए। इन्हें चलियार नदी से बरामद किया गया है।